आत्मा अजर अमर अविनाशी है : आर्यिका विनय श्री माताजी

 आत्मा अजर अमर अविनाशी है :

आर्यिका विनय श्री माताजी

-------------------------------


निवाई : सन्त निवास पर गणिनी आर्यिका विभा श्री माताजी की संधस्थ आर्यिका विनय श्री माताजी ने कहा कि जहाँ भौतिकता का विकास हुआ है वहाँ आध्यात्मिक का ह्रास हुआ है, विनाश हुआ है, पतन हुआ है, यदि जड़ के विकास के साथ चेतन का भी विकास हो जाता, भौतिकता के साथ आध्यात्मिक का विकास होता तो सोने में सुहागा हो जाता। आर्यिका विनय श्री माताजी शनिवार को सन्त निवास पर धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि आत्मा मरता नहीं, जन्मता नहीं, वह तो अजर अमर अविनाशी है।एक सिद्धांत है कि जिसका जन्म होता है उसका मरण भी होता है, जो उदय होता है वही अस्त होता है और जिसका उत्थान होता है उसका पतन होता है। उन्होंने कहा कि समय से पूर्व सावधान हो जाए और जिस समय जिस शक्ति का अपव्यय हम पर को जानने पहचानने के लिए कर रहे हैं उसमें से कुछ समय स्वयं के लिए भी निर्धारित कर लेतभी यह मनुष्य पर्याय सार्थक होगी। जैन समाज के प्रवक्ता विमल जौंला व राकेश संधी ने बताया कि आचार्य महावीरकीर्ति महाराज के शताब्दी वर्ष के चलते अनेक प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान किए जा रहे है जिसमें निवाई के जिनालयों मे प्रतिदिन श्री जी के कलशाभिषेक शांतिधारा मण्डल विधान जैसे कई कार्यक्रम किए जा रहे हैं। धर्म सभा से पूर्व मंगलाचरण गायिका कोमल जैन ने किया।  शनिवार को सन्त निवास पर प्रवचन के पश्चात पूज्य गुरुदेव आचार्य विराग सागर महाराज आर्यिका विभा श्री माताजी एवं जिनवाणी की पूजा अर्चना कर अर्ध्य समर्पित किए। जौंला ने बताया कि रविवार को सन्त निवास पर आर्यिका विभा श्री माताजी के विशेष प्रवचन 9 बजे प्रारंभ किए जाएंगे।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने