टोंक बना तस्करों की तबाही का मैदान, नशे के खिलाफ कप्तान सांगवान की सर्जिकल स्ट्राइक

 टोंक बना तस्करों की तबाही का मैदान, नशे के खिलाफ कप्तान सांगवान की सर्जिकल स्ट्राइक 


टोंक पुलिस का नशे के खिलाफ महायुद्ध: करोड़ों के मादक पदार्थ जब्त, तस्करों की सामत बनी पुलिस कप्तान विकास सांगवान की अगुवाई में अभियान


रामबिलास लांगड़ी 



टोंक( सच्चा सागर) राजस्थान का टोंक जिला अब नशा तस्करों की कब्रगाह बनता जा रहा है। पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान के नेतृत्व में टोंक पुलिस ने एक बार फिर अवैध मादक पदार्थों की बड़ी खेप जब्त कर, तस्करों की कमर तोड़ दी है। बीते 24 घंटों में हुई इस बहुचर्चित कार्रवाई में 260.64 ग्राम स्मैक और 32 किलो डोडा चूरा बरामद किया गया है, जिसकी अनुमानित बाजार कीमत 56 लाख रुपये से अधिक है। साथ ही चार तस्करों को गिरफ्तार किया गया है।


जिला स्पेशल टीम, मेहन्दवास, निवाई सदर व पुरानी टोंक पुलिस की संयुक्त कार्रवाई


जिला स्पेशल टीम ने थाना मेहन्दवास, पुरानी टोंक और निवाई सदर पुलिस के साथ मिलकर नशा तस्करों पर चार अलग-अलग स्थानों पर प्रहार किया।


थाना मेहन्दवास क्षेत्र में 260.64 ग्राम स्मैक के साथ दो तस्कर गिरफ्तार किए गए, जिसकी अनुमानित कीमत 52.12 लाख रुपये बताई गई है।


थाना निवाई सदर की टीम ने 17 किलो 418 ग्राम डोडा पोस्त चूरा के साथ एक आरोपी को धरदबोचा, जिसकी कीमत करीब 4 लाख 95 हजार रुपये है।


थाना पुरानी टोंक की कार्रवाई में 14.632 किलो चूरा डोडा जब्त हुआ और एक तस्कर को पकड़ा गया।



गिरफ्तार तस्कर- अशोक कुमार कालनगर (उम्र 24), निवासी सांसी बस्ती, थाना दूनी, राजकुमार सांसी (उम्र 23), निवासी मेहन्दवास, अरविंद कुमार यादव (उम्र 26), निवासी सलेमपुर, बिहार, मलकीत सिंह ऊर्फ सोनी (उम्र 37), निवासी पटियाला, पंजाब




नशे के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा अभियान- वर्ष 2025 में 18 जून तक टोंक पुलिस ने नशे के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए 75 प्रकरण दर्ज कर 98 तस्करों को गिरफ्तार किया है। जो पिछले वर्ष 2024 की तुलना में 2.5 गुना अधिक है। 2024 में 21.01 लाख रुपये मूल्य के स्मैक जब्त कर केवल 12 प्रकरण दर्ज हुए थे, जबकि 2025 में 2.5 गुणा अधिक नशे के सौदागर सलाखों के पीछे पहुंचाए जा चुके हैं।


नशा माफिया की जड़ें हिलाईं, कप्तान सांगवान बने जनता के हीरो


पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान की सख्त रणनीति और राउंड द क्लॉक मॉनिटरिंग ने पूरे जिले में एक सख्त संदेश दिया है नशा अब नहीं चलेगा!

उनकी अगुवाई में काम कर रही टीमें गली-गांव और बॉर्डर एरिया तक निगरानी रख रही हैं। विकास सांगवान अब टोंक में युवाओं के लिए रोल मॉडल बनकर उभरे हैं।उन्होंने पुलिस को सिर्फ वर्दीधारी नहीं रहने दिया बल्कि एक मिशनरी फोर्स में बदल दिया है जो समाज से नशा उखाड़ फेंकने का प्रण ले चुकी है।


नशे के खिलाफ जंग जारी रहेगी


पुलिस की मंशा स्पष्ट है या तो सुधर जाओ, या जेल जाओ। विकास सांगवान के नेतृत्व में टोंक पुलिस अब न सिर्फ जिले में, बल्कि पूरे राजस्थान में एक नशा-मुक्त मॉडल जिला बनने की ओर अग्रसर है।

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