*अपराध व नशे की दलदल में फंसती धार्मिक नगरी*
धर्मवीर मीणा
अपने आप को धार्मिक नगरिया में स्थापित करने वाली निवाई नगरी अब धीरे-धीरे अपराध व नशे की दलदल में फँसती नजर आ रही है धार्मिक नगर से विख्यात रक्तांचल पर्वत की गोद में बसने वाली नगरी को देखकर वर्तमान को देखकर ऐसा लगने लगा है की इस धार्मिक नगरी को आखिर किस की बुरी नजर लगी है जो हमेशा से ही शांतिप्रिय रहने वाली टोंक जिले की छोटी धार्मिक नगरी जिसको इसमें स्मेक गांजा चरस
जैसे नशे का कारोबार धीरे धीरे अपने पैर पसारने लगा है आज से पिछले 3 साल पहले की बात करें तो ऐसा कुछ देखने को नहीं मिलता था भले ही राजनीतिक उठा पटक के लिए टोक जिले में उभर कर सामने आ रही थी पर अब मात्र 3 साल में ऐसा क्या परिवर्तन आया की एक के बाद एक बड़े अपराध होते चले जा रहे हैं जिनमें सबसे ज्यादा भूमिका युवा पीढ़ी की रही है आखिर युवा पीढ़ी के रास्ता बताने का मुख्य कारण क्या रहा है एक के बाद एक बहुत ही कम समय में लगातार टोंक व निवाई पुलिस मिलकर मामले का खुलासा करते रहे है अब यह तो नहीं कहा जा सकता की पुलिस प्रणाली कि कहीं कोई कमजोरी रही है पुलिस लगातार अपराधों का खुलासा तो कर रही है पर अपराध होने की मुख्य जड़ नशे को खत्म नहीं कर पा रही है अभी से राजनीतिक संरक्षण कहे या कमजोर लचीली शासन प्रणाली क्या नशे के माफियाओं के सामने अपने हथियार डाल चुकी है निवाई की शासन प्रणाली
*दिन दहाड़े बैक के सामने व्यापारी को गाली मारकर हत्या कर दी जाती है*
पुलिस मात्र 72 घण्टे में अपराध का खुलासा कर अपराधियों को सजा दिलाने में अपने पूरी जिम्मेदारी को पूर्णरूप से निर्वहन करती है
*तहसील एक ग्राम पंचायत के एक पूर्व सरपंच पति पर उसी के घर मे धारदार हथियार से हमला किया जाता है पर उसके पैर काट दिया जाता है*
पुलिस मात्र 48 घण्टे में अपराधियों को गिरफ्तार कर पेश कर देती है
ऐसे कई मामले हुए पर पुलिस लगातार हर मामले की गुथी सुलझाने कामयाब रही है
*एक नाबालिग द्वारा नशे में एक महिला की बेरहमी से हत्या की जाती है मात्र 1000 के लिए*
निवाई पुलिस ने मात्र 10 दिन में केस की गुथी खोल दी
3 साल में तीन बड़े अपराध आखिर वजह क्या है ऐसे बढ़ते अपराधों की पुलिस मुकदमा केस की गुत्थी सुलझा रही है
पर अपराध की मुख्य जड़ तक नही पहुंच पा रही है
सवाल है पुलिस अपराध की मुख्य जड़ नशे के माफियाओं तक पहुंच क्यो नही पा रही है
गुमराह किया जा रहा है या किसी राजनैतिक सरक्षंण से बचाया जा है
राजनीतिक सरक्षण से दिनों दिन अपराध का ग्राफ बढ़ता चला जा रहा है क्षेत्र का राजनीतिक पक्ष और विपक्ष दोनों हाथ पर हाथ रखकर बैठा है जनता केवल मूकदर्शक बनकर बढ़ते अपराध के ग्राफ को देख रही है
चिंता का विषय है कि 3 ही साल सता परिवर्तन के साथ में ये सारे एकाएक परिवर्तन क्यो आये आखिर कौन है जो दे रहा नशे के कारोबार को पनाह आखिर कौन है जो पुलिस की पकड़ से बाहर घूम रहा
क्या होगा निवाई की युवा पीढ़ी का भविष्य की ओर जाएगा निवाई की युवा पीढ़ी का भविष्य
सब मिलकर लड़ना अपने लिए अपनी आने वाली नस्ल के लिए
नशा मुक्त समाज चाहिए हम सब को
अपराध व नशे की दलदल में फंसती धार्मिक नगरी*
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