विश्व मृदा दिवस*



_#मेरे देश की मट्टी अब जहर युक्त हो चुकी है।_

अत्याधुनिक तकनीकी ओर मशीनरी से निर्मित अकार्बनिक खाद ओर उर्वरक जो रासायनिक जहर भारत सरकार के मंत्रालयों से स्वीकृत संस्थाओ द्वारा संचालित सिस्टम के अन्तर्गत फैक्टरीयो से खेतों ओर खलिहानों तक सरकारी सिस्टम की देखरेख में पहुँचाया जा रहा है। फिर भी सरकारी सिस्टम के नियमों का उल्लंघन करतें हुए। आयें दिन मेरे देश के अन्न दाता किसानों को इस जहर रुपी खाद ओर उर्वरक के लिए लाइनों में खड़ा कर सरकार द्वारा निर्धारित दर से लगभग दुगुनी कीमत पर बेचा जाता है। ओर ऐसा इसलिए हैं कि बढ़ती जनसंख्या का पेट भरने के

लिए अधिक उत्पादन बढ़ाए जाने के लिए रसायनिक का प्रयोग तो करना ही पड़ेगा यह भी कटु सत्य है।

मुद्दा यह भी है की किसान अधिक मुनाफा कमाने के लिए मिट्टी में ओवर डोज प्रयोग कर रहा है। आज भी किसान मिट्टी जांच और उसके परिणाम अनुसार खाद उपयोग के प्रति गंभीर न होकर भेड़ चाल में चल रहा है। फिर कैसे देश की मृदा स्वस्थ हो सकती हैं। जैविक खेती पर हमारे क्या प्रयास है कितना सरकारी अनुदान ओर योजनाएँ है। कितना प्रचार ओर प्रसार है जब रासायनिक खाद ओर उर्वरको की निजी ओर अर्द्धनिजी संस्थाओ से उत्पादन ओर वितरण के लिए सरकार इतना बजट खर्च कर सकतीं हैं तो अब देखना यह है सरकार का जैविक खेती (परम्परागत कृषि) पर क्या प्रयास है।देश की सरकारों को जैविक खाद ओर जैविक खेती के लिए ओर अधिक प्रचार प्रसार तथा सरकारी योजनाओं ओर अनुदान के लिए 

अभियान शुरू करना चाहिए जिससे आम जनता ओर किसानों मे जागरूकता हो सकें।।

 _मेरी पैदाइश भी मिट्टी से मिट्टी की हैं मेरी भविष्य की ख्वाहिश भी मिट्टी से मिट्टी में हैं।_

 _*Manish Gurjar*_ 

 *Founder of Agri Org India*

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