साल के जीवन में पहली बार जुलाई माह में मंगलवार खोले जाएंगे बांध के गेट

 22 साल के जीवन में पहली बार जुलाई माह में मंगलवार खोले जाएंगे बांध के गेट

बांध के 8वीं बार खुलेंगे गेट, 82 हजार हैक्टेयर में होती है बांध की नहरों से सिंचाई


टोंक । बीसलपुर बांध इतिहास रचने जा रहा है। इसके 22 साल के जीवन में बांध के गेट पहली बार जुलाई माह में मंगलवार को ही खोले जाएंगे। यह आठवीं बार इसके गेट खुलेंगे। इसके चीफ गेस्ट जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत रहेंगे। जाएंगे। जिला प्रशासन की ओर से कलेक्टर आदि अधिकारी रहेंगे। संभवत सुबह 10-11 बजे इसके गेट खोले जाने की उम्मीद है। इसके गेट कितने खोले जाएंगे और कितने ऊंचे खोलकर कितना पानी बनास नदी में छोड़ा जाएगा। यह बांध प्रबंधन मंगलवार सुबह निर्णय लेगा। अभी शाम 6 बजे तक बांध का जल स्तर 315.23 आर एल मीटर हो गया है। बढ़ते पानी को देखते हुए बांध प्रबंधन ने इसके गेट कल हीं खोलने का निर्णय लिया है। इसके लिए बीसलपुर बांध परियोजना के अधिकारी और प्रशासन अलर्ट हो गया है। तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। ज्ञात रहे कि बांध में बीते 24 घंटे में सोमवार सुबह 6 बजे तक 27 सेंटीमीटर पानी की आवक हुई थी है। इसी के साथ बांध का जल स्तर सोमवार सुबह 6 बजे तक 315.17 आरएल मीटर हो गया था। पानी की आवक बांध में तेज गति से बनी होने के कारण सोमवार शाम 6 बजे इसका जल स्तर 315.23 आरएल मीटर हो गया। दस घंटे में ही पांच सेमी पानी बढऩे से बांध प्रबंधन ने इसके गेट खोलने का निर्णय उच्चाधिकारियों से चर्चा कर लिया है। भराव क्षेत्र की त्रिवेणी 3.20 मीटर बह रही है। अभी बांध करीब 95 प्रतिशत भर चुका है। बीसलपुर बांध परियोजना के एक्सईएन मनीष बंसल ने बताया कि बांध में पानी की आवक को देखते हुए मंगलवार सुबह गेट खोलना का निर्णय लिया है। उधर इसके पूर्ण भरने से नहरी क्षेत्र से लाभान्वित करीब तीन लाख किसानों समेत टोंक, अजमेर और जयपुर के एक करोड़ से ज्यादा लोगों में खुशी है। बीसलपुर बांध अजमेर संभाग का सबसे बड़ा बांध है। इसकी भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर है। यह बांध 22 साल में पहली बार जुलाई माह में एक-दो दिन में पूर्ण भर जाएगा। इससे पहले यह छह बार अगस्त माह में और सातवीं बार गत साल सितंबर माह में खुला था।

*22 साल में आठवीं बार खुलेंगे गेट*

अजमेर संभाग का सबसे बड़ा बीसलपुर बांध की कुल पानी की भराव क्षमता 38.708 टीएमसी (315.50 आरएल मीटर) है। इस बांध का निर्माण होने के बाद इसमें पहली बार 2004 में पानी रोका गया था और पहली बार में ही पूरा भरकर छलक गया था। उसके बाद 2006, 2014, 2016, 2019, 2020, 2022, 2024 में यह पूरा भरकर छलका था। अब आठवीं बार इसके गेट एक-दो दिन में खोले जाएंगे।

*बांध का कितना पानी किसके लिए आरक्षित*

बीसलपुर बांध प्रोजेक्ट के एक्सईएन मनीष बंसल ने बताया कि टोंक जिले में सिंचाई के लिए 8 टीएमसी पानी, पेयजल के लिए 16.2 टीएमसी पानी आरक्षित है। इसके अलावा 8.15 टीएमसी वाष्पीकरण व अन्य खर्च माना गया है।

*1000 एमएलडी तक खपत होता है पेयजल*

टोंक, अजमेर, जयपुर जिलों में पेयजल के लिए रोजाना करीब साढ़े नौ से एक हजार एमएलडी पानी इस बांध से जाता है। इससे तीनों जिलों के करीब दो हजार शहर, गांवों की करीब एक करोड़ से ज्यादा आबादी को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है।

*बांध की भौगोलिक स्थिति*

बीसलपुर बांध के 18 गेट हैं जो 15 गुणा 14 मीटर की साइज के हैं। बांध की लंबाई 576 मीटर व समुद्रतल से ऊंचाई 322.50 मीटर है। बांध की कुल जल भराव में 68 गांव डूब चुके हैं। इसमें 25 गांव पूर्ण रूप से व 43 गांव आंशिक रूप से डूब क्षेत्र में आते हैं। बांध का जलभराव क्षेत्र 25 किलोमीटर है जिसमें कुल 21 हजार 30 हेक्टेयर भूमि जलमग्न होती है।

*82 हजार हैक्टेयर में होती बांध की नहरों से सिंचाई*

बीसलपुर बांध के निर्माण के साथ ही इसके नहरी तंत्र का निर्माण भी 2004 में पूरा हुआ था। टोंक जिले में सिंचाई के लिए बांध की दायीं व बायीं दो मुख्य नहरें हैं। दायीं नहर की कुल लंबाई 51 किलोमीटर व बायीं की लंबाई 18.65 किलोमीटर है। जिनसे जिले की 81 हजार 800 हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है। दायीं मुख्य नहर से 69 हजार 393 हेक्टेयर व बायीं से 12 हजार 407 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई कार्य होता है। बांध से अब तक 2004, 2005, 2006, 2007, 2011 से 2017, 2019, 2022, 2023 और 2024 में सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जा चुका है। अब इस साल भी बांध पूर्ण भर सा गया है।

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