गौरवपूर्ण भारतीय और राजस्थानी सांस्कृतिक मूल्यों का अपमान है बर्दाश्त नहीं : पुष्करणा भारतीय नववर्ष एवं राजस्थान स्थापना दिवस पर लगाए प्रतीकों को हटाने का राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने जताया विरोध

 गौरवपूर्ण भारतीय और राजस्थानी सांस्कृतिक मूल्यों का अपमान है बर्दाश्त नहीं : पुष्करणा

भारतीय नववर्ष एवं राजस्थान स्थापना दिवस पर लगाए प्रतीकों को हटाने का राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने जताया विरोध

टोंक (सच्चा सागर)। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने भारतीय नववर्ष एवं राजस्थान स्थापना दिवस पर लगाए गए धार्मिक एवं सांस्कृतिक प्रतीकों को हटाए जाने के विरोध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दोषियों पर सख्त कार्यवाही की मांग की। संगठन के प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा ने बताया कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रम संवत 2082, दिनांक 30 मार्च को भारतीय नववर्ष को राजस्थान स्थापना दिवस मनाने की मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ऐतिहासिक घोषणा से प्रेरित होकर शिक्षा संकुल परिसर में कार्यरत समस्त कार्मिकों द्वारा एकता, सांस्कृतिक गौरव एवं राष्ट्रप्रेम की भावना से प्रेरित होकर राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल के भवन को सजाया गया। इस सजावट में, भगवान ब्रह्मा जी, भगवान श्रीराम, प्रणव चिह्न, वरुणावतार, संत झूलेलाल, स्वामी दयानंद सरस्वती महर्षि गौतम, सिख पंथ के द्वितीय गुरु अंगद देव एवं संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार आदि आराध्यों के चित्र के साथ-साथ झंडियां, स्टीकर एवं पोस्टर लगाए गए थे। प्रदेश अध्यक्ष रमेश चंद्र पुष्करणा ने कहा कि स्टेट ओपन स्कूल के भवन परिसर में विराजने वाले निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने उक्त भवन में लगाए गए धार्मिक एवं सांस्कृतिक प्रतीकों को अपने निजी सहायक के माध्यम से हटवा दिया। हटाने की प्रक्रिया में इन प्रतीकों को खुरचकर कूड़ेदान में डाल दिया गया, जिससे परिसर के कार्मिकों के साथ ही समस्त शिक्षकों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई है। यह कृत्य हमारे गौरवपूर्ण भारतीय और राजस्थानी सांस्कृतिक मूल्यों का अपमान है। संगठन के प्रदेश संगठन मंत्री घनश्याम ने बताया कि किसी परिसर में एक तरफ अल्पसंख्यक मदरसा बोर्ड शिक्षा-संकुल  में अलग से नमाज कक्ष बना कर के नमाज पढ़ाई जा रही है और दूसरी तरफ धार्मिक एवं सांस्कृतिक प्रतीकों को हटाने का कृत्य किया जा रहा है। इस प्रकार का व्यवहार अस्वीकार्य, पीडादायक एवं निराशाजनक है। इस अवसर पर प्रदेश सभाध्यक्ष संपत सिंह,वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि आचार्य, महिला मंत्री डॉ. अरुणा शर्मा प्रदेश अतिरिक्त महामंत्री योगेश कुमार शर्मा, कोषाध्यक्ष कैलाश कच्छावा सहित प्रदेश कार्यकारिणी के समस्त पदाधिकारियों ने कहा कि यह कृत्य शिक्षा संकुल में कार्यरत कार्मिकों एवं समस्त शिक्षकों की धार्मिक आस्थाओं एवं सांस्कृतिक भावनाओं के विपरीत है। सभी ने इस प्रकरण की जांच कराकर दोषियों पर अविलंब कार्यवाही की मांग की। टोंक जिलाध्यक्ष जगदीश लाल गुर्जर ने बताया कि टोंक जिले के शिक्षकों द्वारा उक्त कृत्य की घोर निन्दा करते हुए दोषियों पर कठोर कार्रवाई करने की अपील की गई। टोंक से दिनेश चंद्र कुर्मी जिला मंत्री, ओमप्रकाश शर्मा उपशाखा मंत्री टोंक, शिवजीलाल कीर अध्यक्ष उपशाखा टोंक, राजेन्द्र प्रसाद शर्मा पूर्व विभाग संगठन मंत्री, मोहर सिंह गुर्जर जिला संगठन मंत्री, गुलाब मराठा महिला मंत्री उपशाखा टोंक आदि शिक्षक ने विरोध जताया।

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