भारी बारिश ने मचाई तबाही, निवाई उपखंड क्षेत्र में किसानों की फसलें चोपट, मुआवजे की मांग तेज
निवाई (सच्चा सागर), निवाई उपखंड क्षेत्र में बीते 24 घंटों से जारी तेज और लगातार बारिश ने कृषि क्षेत्र को भारी नुकसान पहुँचाया है। खेतों में खड़ी फसलें पानी में डूब गई हैं, वहीं कई जगह खेतों में जलभराव के कारण फसलें सड़ने लगी हैं। इससे किसानों की महीनों की मेहनत पर पानी फिर गया है।
कई गांवों में पूरी फसल बर्बाद
निवाई के उपखंड के दतवास, कुरावदा , लुणेरा, सीपुरा, सेदरिया, ललवाड़ी, सेदरिया, हरभांवता, जोधपुरिया, रजवास, राहोली, गुंसी, पहाड़ी, नटवाड़ा, जामड़ोली, किंवाड़ा, खिड़गी, , मंडालिया, गुन्सी, मनमोहनपुरा, छोरिया, बासड़ा, मोटूका, कायमनगर सहित दर्जनों गांवों में पानी का स्तर इतना बढ़ गया है कि खेत तालाब में तब्दील हो गए हैं। खरीफ की प्रमुख फसलें जैसे मुगफली, बाजरा, ग्वार, मूंग, उड़द और सब्जियाँ पूरी तरह से डूब चुकी हैं। जिन किसानों ने सिंचाई कर फसल पहले ही बो दी थी, उन्हें सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। पशुओं के चारे का संकट भी गहराया
बारिश के चलते खेतों में तैयार चारा भी बह गया या सड़ने लगा है, जिससे पशुपालकों को भी भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में चारे का संकट गहराने लगा है।
किसानों की आंखों में चिंता और आक्रोश
किसानों का कहना है कि पहले से ही महंगाई, खाद-बीज की किल्लत और बाजार की मार झेल रहे किसान अब प्राकृतिक आपदा की मार भी झेल रहे हैं। यदि समय रहते सर्वे नहीं हुआ और मुआवजा नहीं मिला, तो कर्ज के बोझ तले दबे किसान और टूट सकते हैं।
प्रशासन से तुरंत सर्वे और मुआवजे की मांग
किसानों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से तुरंत नुकसान का सर्वे करवाकर उचित मुआवजा देने की मांग की है। साथ ही खेतों से पानी निकासी की भी मांग उठाई गई है, ताकि बची-खुची फसलों को बचाया जा सके।