वन विभाग की घोर लापरवाही से आस-पास के गांवों पर मंडरा रहा है बघेरे का आतंक कब जागेगा विभाग?
निवाई ( सच्चा सागर) नोहटा गाँव में बढ़ते बघेरे के आतंक ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। नोहटा ग्राम पंचायत के कांटोली गांव में बीते कुछ सप्ताहों से बघेरे द्वारा ग्रामीणों के मवेशियों का लगातार शिकार किया जा रहा है, जिससे पूरे क्षेत्र में भय और आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों की बार-बार शिकायतों और गुहार के बावजूद वन विभाग पूरी तरह मौन और निष्क्रिय बना हुआ है। ग्रामीणों के अनुसार, अब तक करीब 11 अलग-अलग परिवारों के पशु बघेरे का शिकार बन चुके हैं। ताज़ा मामला शुक्रवार की रात का है, जब गांव के हंसराज गुर्जर की गाय के बछड़ा को बघेरे ने देख कर शिकार बना लिया। घटना के बाद से परिवार में कोहराम मचा हुआ है, लोग रो-रोकर बुरा हाल कर बैठे हैं।यह पहला मामला नहीं है हरीराम कुमार की 11 भेड़ें,बाबूलाल मीणा की भैंस,और अन्य कई ग्रामीणों के बकरी, बछड़े, गायें अब तक इस खूंखार बघेरे का शिकार बन चुकी हैं।
बड़ा सवाल यह है कि आखिर वन विभाग कब जागेगा?
ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग के अधिकारी न तो मौका मुआयना करने आते हैं, न ही कोई राहत देते हैं। न तो मुआवजा, न कोई सुरक्षा इंतजाम ग्रामीण अपने पशुओं की जान की हिफाज़त खुद करने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने जताई चिंता गांव के जागरूक नागरिक हंसराज गुर्जर, गोविंद नारायण मीणा, रतन मीणा, हरीराम कुमार, मुकेश गुर्जर, मुरलीराम गुर्जर और माधोलाल जाट ने मीडिया के माध्यम से वन विभाग से मांग की है कि बघेरे को तत्काल पकड़ने की कार्रवाई की जाए। शिकार हुए पशुओं का आर्थिक मुआवजा दिया जाए। गांवों के आसपास सुरक्षा टीम व पिंजरे लगाए जाएं। जंगल क्षेत्र की निगरानी बढ़ाई जाए।ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि वन विभाग ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो वे प्रशासनिक कार्यालयों के बाहर धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।अब सवाल ये है क्या वन विभाग की आंखें तब खुलेंगी जब किसी ग्रामीण की जान जाएगी?