कौन हैं, आईएएस सौम्या झा ? टोंक: देश में सोमवार को ‘सिविल सेवा दिवस‘ मनाया गया।




 टोंक: देश में सोमवार को ‘सिविल सेवा दिवस‘ मनाया गया। इस दौरान पीएम मोदी ने उत्कृष्ट कार्य करने पर 16 प्रशासनिक अधिकारियों का दिल्ली में सम्मान किया। इस बीच सिविल सेवा दिवस पर टोंक जिले की कलेक्टर डाॅ. सौम्या झा को भी जिले के किए गए विकास कार्यों के लिए याद किया जा रहा है। टोंक कलेक्टर अपने नाम की तरह सौम्य भी हैं और कड़क अफसर भी हैं। उनके आने बाद के टोंक में कई तरह के बदलाव देखने को मिले हैं, उन्होंने टोंक में रहते हुए अपने नवाचारों से काफी सुर्खियां बटौरी हैं। सिविल सेवा दिवस के मौके पर टोंक कलेक्टर डाॅ. सौम्या झा की अब तक क्या भूमिका रही है, इस रिपोर्ट के जरिए जानते हैं...


महिला अफसर होने के नाते नारी सशक्तिकरण पर जोर


महिला कलेक्टर होने के नाते सौम्या झा का विशेष ध्यान महिलाओं के उत्थान पर है। उनका उद्देश्य है कि जिले की महिलाएं आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सक्षम बनें। इसी को ध्यान में रखते हुए वह महिलाओं को प्रमोट करने का प्रयास कर रही हैं। महिलाओं केे हस्तनिर्मित उत्पादों को बड़े स्तर पर पहचान दिलाना टोंक कलेक्टर का उद्देश्य है। इसमें नमदा उद्योग, गद्दे निर्माण, साबुन बनाना सहित कई ऐसे कुटीर उद्योग शामिल है, जिन्हें महिलाएं अपने कौशल के माध्यम से संचालित कर रही हैं। टोंक जिले में वर्तमान में ऐसी आधा दर्जन से अधिक फैक्ट्रियां हैं, जहां महिलाएं हाथ से उत्पाद तैयार करती हैं।


दसवीं क्लास में ‘पढ़ाई विद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस‘ का किया नवाचार


टोंक जिले में पिछले साल 2023-24 में दसवीं बोर्ड परीक्षा में बच्चों का गणित का स्तर काफी कमजोर रहा। इसको लेकर ही टोंक कलेक्टर ने नवाचार करते हुए ‘पढ़ाई विद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस‘ प्रोजेक्ट के तहत पोर्टल तैयार करवाया हैं। जिसके माध्यम से बच्चों की गणित की परेशानियों को आसानी से दूर किया जा सकेगा। इस प्रोजेक्ट को गत दिनों 7 जनवरी को टोंक जिले के 352 विद्यालयों में शुरू किया गया है। इसके बाद 3 सप्ताह में ही बच्चों के रिजल्ट अच्छे आ रहे हैं।


बूचड़खाने के खिलाफ कार्रवाई कर सुर्खियों में आई थी टोंक कलेक्टर


टोंक कलेक्टर डाॅ. सौम्या झा प्रदेश की कड़क अफसर के तौर पर जानी जाती हैं। टोंक में कलेक्टर का पद संभालने के बाद सौम्या झा उस समय सुर्खियों में आई, जब उन्होंने टोंक में कई दशकों से चल रहे भूचड़खानों की समस्याओं को लेकर बड़ा एक्शन लिया। इस दौरान उन्होंने टोंक के जयपुर कोटा हाईवे के समीप बने अवैध रूप भूचड़खानों को बंद करवाया। इन भूचड़खानों से निकलने वाली बदबू से लोगों का जीना हराम हो रहा था। इस दौराल कलेक्टर ने ऐसे भूचड़खानों को बंद कर टोंक के लोगों को बड़ी राहत दी। यह उनका बड़ा साहसिक कदम था, क्योंकि इस पर अब तक किसी कलेक्टर ने ध्यान नहीं दिया।


प्रशासनिक निर्णयों को लेकर भी चर्चा में रही कलेक्टर


टोंक कलेक्टर सौम्या झा अपने प्रशासनिक निर्णयों को लेकर भी कई सुर्खियों में रह चुकी हैं। उन्होंने कई ऐसे विवाद हुए, जिन्हें अपनी प्रशासनिक कुशलता के साथ निपटाया। बीते दिनों जिले में किसानों के आंदोलन, नरेश मीणा की गिरफ्तारी को लेकर हुए आंदोलन, नहरों से सिंचाई विवाद, नगरफोर्ट में पुलिस कांस्टेबल के एक व्यक्ति को कुंचलने समेत कई बवाल हुए है, जिसे टोंक कलेक्टर ने अपनी सूझबूझ के साथ निपटाकर अपनी प्रशासनिक कुशलता का परिचय दिया। उसके अलावा भी टोंक कलेक्टर की जिले के प्रशासन पर अच्छी पकड़ देखने को मिली हैं। इस दौरान कई ऐसे मौके आए, जहां अव्यवस्थाओं को लेकर टोंक कलेक्टर अधिकारियों पर जमकर बरसी।


कौन हैं, आईएएस सौम्या झा


डाॅ. सौम्या झा मध्य प्रदेश के भोपाल की रहने वाली है। सौम्या झा ने साल 2017 में सिविल सेवा परीक्षा पास कर 58वां रैंक हासिल किया था। इसके बाद सौम्या झा को आईएएस के रूप में हिमाचल प्रदेश कैडर मिला, लेकिन सौम्या ने राजस्थान कैडर के आईएएस अक्षय गोदारा से शादी की है। इसके बाद सौम्या झा ने अपना कैडर बदलवा कर राजस्थान करवा लिया। इस दौरान वह जयपुर जिला परिषद में सीईओ बनी। इसके बाद गिर्वा और उदयपुर में एसडीएम के रूप में काम किया। वर्तमान सौम्या टोंक जिले कलेक्टर हैं।

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