लोकेश कुमार गुप्ता
चाकसू (सच्चा सागर ) सरकारी महकमों की कार्यप्रणाली कितनी लचर एवं परेशान करने वाली है।इसका ज्वलंत उदाहरण राशन सामग्री वितरण करने वाले डीलरो के मामले में सामने आ रहा है। प्रदेश के सभी डीलर न्यूनतम कमीशन पर ,सभी परेशानियों का सामना करते हुए तथा विभागीय बंदिशों की पालना करते हुएं भी अनवरत अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं।केवल यह मानते हुए कि हमारे माध्यम से गरीब परिवारों का हमारे माध्यम से कुछ तो भला हो रहा है।
वर्ष 2016 में राशन सामग्री का वितरण पाॅश मशीनों से फिंगर प्रिंट के आधार पर करने के आदेश मिले।साथ ही विभाग ने पाॅस मशीनों की हर डीलर को
आपूर्ति भी करवादी तथा मशीन के नाम पर प्रत्येक डीलर से 22500/रुपये भी वसूल कर लिए।
डीलरो का कहना है कि मशीन ऑपरेट करने के लिए उनको विभाग ने किसी प्रकार का प्रशिक्षण भी नहीं दिया गया।वरिष्ठ राशन सामग्री विक्रेता सुरेन्द्र कुमार,
कमल किशोर घीया,आमीन खान एवं संघ के अध्यक्ष
रहीस मोहम्मद का कहना है कि जैसे तैसे डीलरो ने मशीन को काम में लेना शुरु कर दिया।
पोस मशीन की मरम्मत एवं रखरखाव के नाम से राशन सामग्री आपूर्ति करता एजेंसी बिलों के माध्यम से हर बिल में 5.21रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से कटौती करती आ रही है। डीलरो का आरोप है कि मशीनों की मरम्मत या देख-रेख के लिए विभाग की तरफ से कोई अधिकृत एजेंसी की अब तक सूचना नहीं है।खराब होने पर डीलर अपने स्तर पर मशीन ठीक करवाने में लगा रहता है।
अनेक बार डीलर्स एसोसिएशन के माध्यम से मौखिक एवं लिखित शिकायतें भी की गई लेकिन इस बात को किसी ने भी गंभीरता से नहीं लिया और प्रशासनिक लापरवाही के चलते डीलर निरन्तर लुटता चला आ रहा है।
आश्चर्यजनक बात यह भी सामने आ रही है कि डीलरो को इस पोस मशीन की न तो असली कीमत बताई गई और न ही कांटे गये पैसों की कोई रसीद या बिल दिया गया। चाकसू उपखंड क्षेत्र में कुल 90 डीलर कार्यरत हैं लेकिन इस अनुचित एवं अन्यायपूर्ण कटौती को लेकर सभी में आक्रोष व्याप्त है।
राशन डीलरो का कहना है कि कोविड-19का व्यापक
्प्रभाव हो अथवा प्राकृतिक आपदाओं का कहर, हर परिस्थिति में उन्होंने जनता की सेवा की है।मांग के बावजूद उनको कोरोनावायरस योद्धा के नाते कोई सम्मान नहीं मिला और अन्य विभागों की तरह सुरक्षा कवर भी नहीं मिला।
आंगनबाड़ी केन्द्रों को नियमित रुप से चावल, गेंहू,दाल
चना आदि समय पर आपूर्ति करते आ रहे हैं । बीपीएल एवं खाद्य-सुरक्षा में नामित परिवारों को 10किलो (केन्द्र से5किलो एवं स्टेट से 5किलो) गेंहू प्रति युनिट निशुल्क वितरण कर रहे हैं, साथ ही अन्त्योदय परिवारों को 35 किलो के साथ 5 किलो प्रति युनिट गेंहू दे रहे हैं।चना भी एक किलो प्रति राशनकार्ड मिल रहा है।
राशन डीलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय ,डी एस ओ एवं खाद्य निगम के अधिकारियों को अपनी समस्याओें से अवगत करवाते हुए पोस मशीन की मरम्मत के नाम से की जा रही कटौती बंद करने एवं उचित कीमत काट कर बाकी जमा राशि डीलरो को लौटाने की मांग की है।
फोटो -राशन डीलरो को महंगी पड़ रही है पोस मशीन
