सहायक कृषि अधिकारी ने किया छह से अधिक गांवो का दौरा फसल अवशेष का सही प्रबन्धन करें -गुर्जर। फसल अवशेष जलाना अपराध

 - सुरेश फागणा



निवाई (सच्चा सागर)   किसानो द्वारा फसल कटाई के उपरान्त खेत में शेष रहें खरीफ फसलों के  फसल अवशेष को खेतो में जलाने से रोकने के लिए सहायक कृषि अधिकारी कजोड मल गुर्जर ने शुक्रवार को झिलाय,खिडगी, गोर्वधनपुरा, सीन्दरा,बडौदियां भंवरसागर,भंवरपुरा व मण्डालियां सहित अनेक गांवों का दौरा कर फसल अवशेष प्रबन्धन की जानकारी दी। सहायक कृषि अधिकारी कजोड मल गुर्जर ने बताया कि फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है, खेत में मौजूद कैचुऐं मर जाते है,जमीन में लाभदायक जीवाणुओं की क्रियाशीलता कम हो जाती है तथा फसलों में पैदावार कम हो जाती है । गुर्जर ने बताया कि सभी किसान फसल अवशेष को जुताई कर मिट्टी में मिलाऐं एवं सिचाई करें या फिर इस कचरे से नापेड कम्पोस्ट या वर्मी कम्पोस्ट भी बना सकते है जिससे खेत की जल धारण क्षमता बढती है,खेत में जीवांश मात्रा बढने से लाभदायक जीव कैंचुआ आदि पनपते है जिससे खेत उपजाउ बनता है एवं फसलों में उपज बढती है।

कृषि आयुक्तालय जयपुर एवं सहायक निदेशक कृषि विस्तार,टोंक द्वारा फसल अवशेष के उचित प्रबन्धन हेतु सभी कृषि पर्यवेक्षकों को विभागीय कार्यक्रम के तहत कृषक गोष्ठी,प्रशिक्षण,रात्रि चौपाल व अन्य गतिविधियों  में फसल अवशेष प्रबन्धन की जानकारी दी जा रही है।केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा फसल अवशेष जलाने को अपराध की श्रेणी में माना है,अतः सभी कृषको को फसल अवशेष प्रबन्धन की जानकारी दी गई

फोटो-उपखण्ड क्षेत्र के मण्डालिया मे फसल अवशेष प्रबन्धन पर किसानों को जानकारी देते  सहायक कृषि अधिकारी कजोड मल गुर्जर

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