करेड़ा ( सच्चा सागर)कोथून लालसोट रोड नेशनल हाईवे 23 पर बना हरभांवता के पास टोल टैक्स जो स्थानीय लोगों को बहुत महंगा पड़ रहा है हरभांवता टोल के आसपास 10 किलोमीटर के दायरे के लोगों से टोल वसूली की जा रही है लोग रोजाना अपने खेतों से आना-जाना अपने कोई काम से निकलना उन सब से टोल वसूली की जा रही है टोल के नियम यह कहते हैं कि स्थानीय लोगों से 10 किलोमीटर के दायरे से टोल नहीं वसूला जाए वहां के स्थानीय लोगों ने कई बार इसका विरोध किया लेकिन टोल टैक्स वाले टस से मस नहीं होते और टोल वसूली कर लेते हैंटोल नाकों पर स्थानीय लोगों से शुल्क नहीं लेने का प्रावधान टोल शर्तों में है। उन्हें यह लाभ न देकर ठेकेदार जबरिया वसूली कर रहे हैं। टोल कंपनियों से कहा गया है कि वे स्थानीय लोगों से टोल टैक्स की वसूली न करें। इनकी पहचान के लिए कार्ड बनाएं।एनएचएआई के नियमों के अनुसार, मंथली फास्टैग से फ्री टोल की सुविधा केवल स्थानीय लोगों के लिए है। यदि कोई दूसरे जिले या 10 किलोमीटर से बाहर की परिधि का रहने वाला है,
तो उसे अलग से मासिक पास बनवाना होता है। एनएचएआई द्वारा तय स्लैब के अनुसार, 20 दिन का टोल देकर वाहन मालिक महीना भर टोल क्रॉस कर सकते हैं। वही स्थानीय निवासी सुनील दौराया का कहना है कि टोल 10 किलोमीटर के स्थानीय निवासी के वाहनों टोल टैक्स शुल्क बिल्कुल निशुल्क होना चाहिए जिससे कि स्थानीय नागरिकों को राहत मिल सके।
कौन स्थानीय?
वाहन संचालित टोल नाके के जिले का होना चाहिए। यानी टोल नाके क्षेत्र के 10 किलोमीटर के दायरे में होना चाहिए फायदा उसी को मिलेगा हालांकि इस रियायत के दायरे से नेशनल परमिट के वाहनों को दूर रखा गया है। उन्हें पूरा टोल देना होगा। यह नियम देश के हर जिले में लागू है।
*अघोषित कमाई*
जानकारी नहीं होने से स्थानीय वाहन चालक भी पूरा टोल चुका रहे हैं। शुल्क संग्रहण केन्द्र के टोल कर्मचारी भी नियम की जानकारी होने के बावजूद ईमानदारी नहीं दिखा रहे हंै। स्थानीय लोग वहा स्थानीय होने का प्रूफ दिखाने पर, भी पूरा शुल्क वसूल रहे हैं। ऎसे में टोल संचालक की दोनों हाथों से जेब भराई हो रही है। वहीं प्रदेश में लाखों रूपए की कमाई अघोषित रूप से नाकों के खाते में जा रही है। लोगों को छूट के बावजूद फायदा नहीं मिल पा रहा है। दुपहिया, तिपहिया व टै्रक्टर के लिए तो टोल पूरी तरह माफ है।
