लोकेश कुमार गुप्ता
चाकसू(सच्चा सागर)कस्बे के वार्ड नंबर 6 निवासी शंकर गुर्जर पुत्र रामखिलाड़ी गुर्जर गरीब व बेसहारा लोगों की मदद के लिए हमेशा आगे आते दिखाई पड़ रहे हैं।यह परिवार भी एक गरीब परिवार होने के बाद भी लोगो की सेवा करते हुए नजर आते है ।शंकर गुर्जर के पिताजी रामखिलाड़ी गुर्जर ने बताया कि मैं ऊट गाड़ी से मजदूरी करते हुए अपने परिवार का लालन पालन करते हुए मैंने अपने बच्चे शंकर गुर्जर को यह शिक्षा दी की बेटा कोई भी गरीब परिवार परेशान हो तो उसकी हर समय मदद के लिए तत्पर रहना । कोरोना महामारी में शंकर गुर्जर ने लॉकडाउन के बाद गरीब परिवार वालों को अपने स्वयं के खर्चे से आटे के किट गरीब बच्चों के लिए पैरों में चप्पल ,फल फ्रूट वितरित किए थे ।वर्धा आश्रम में जाकर बड़े बुजुर्गों की सेवा की थी । लॉकडाउन में फंसे लोगों को चाकसू के अंदर शंकर गुर्जर के द्वारा दोनों समय खाने के भोजन की व्यवस्था अपने स्वयं के खर्चे से की थी।देखा जाए तो शंकर गुर्जर निस्वार्थ लोगों की सेवा करने में जुटे हुए हैं। अपने स्वयं के खर्चे से लोगों को राशन उपलब्ध करवाना लोगों की हर समस्याओं का समाधान करना कोई आम बात नहीं आज हम ऐसे शख्स की बात कर रहे हैं जो गरीबों के चलते फिरते मसीहा के नाम से जाने जाते हैं। शंकर गुर्जर हर वक्त हर समय गरीब और बेसहारा लोगों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं जो अपने आसपास के क्षेत्र में जाकर गरीब बेसहारा लोगों का हाल-चाल जान कर उनकी हर संभव मदद करने के लिए तत्पर रहते हैं ।मदद तो हर व्यक्ति करता है लेकिन शंकर गुर्जर कुछ अलग ही अंदाज में लोगों की सेवा करते नजर आ रहे हैं निस्वार्थ सेवा करना ही नारायण सेवा कहलाती है ।शंकर गुर्जर ने बताया कि मेरा परम कर्तव्य हैं कि मैं गरीब बेसहारा लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता हूं। आगे भी रहूंगा साथ ही गुर्जर ने बताया कि नर सेवा नारायण सेवा होती है ।इसी को अपना लक्ष्य मानते हुए प्रत्येक व्यक्ति की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता हूं ।कोरोना जैसी खतरनाक बिमारी मे हर लोगो की मदद के लिए हरदम तैयार रहा हु। गुर्जर रोज जगह-जगह जाकर वृद्धजनों से गरीब लोगों से जाकर मिलते हैं उनकी समस्या का समाधान तुरंत प्रभाव से करते हुए नजर आते है