चाकसू उपखंड क्षेत्र में निरन्तर बढ़ रहा है कोरोना संक्रमण, मंगलवार तक संख्या 102पहुंची।

 

लोकेश कुमार गुप्ता




चाकसू (सच्चा सागर) चाकसू क्षेत्र में कोरोनावायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है । विभागीय सूत्रों के अनुसार मंगलवार को पांच केस कोरोना पाॅजिटिव आने के साथ ही यह संख्या बढ़कर कुल 102 हो गई है।लगातार बढ़ रही संक्रमितो की संख्या को लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। ब्लाॅक सीएमएचओ डाॅ०सोम्य पंडित के अनुसार जयपुर में की गई कोरोना जाॅच के बाद प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार कस्बे में मंगलवार को 4 एवं एक मरीज निमोडिया गांव में पाॅजिटिव मिला है। सम्पर्क में आए सभी लोगों की पहचान की जाकर सभी को होम क्वारेन्टाइन किया जा रहा है।विभाग की टीम मोहल्लों में पहुंचसहित कर  पूरे क्षेत्र को सील करते हुए सैनेटाइज किया गया है।कोरोना पाॅजिटिव लोगों को एम्बुलेंस से जयपुर भिजवाया गया है। चिकित्सा प्रभारी अधिकारी डाॅ०शंकरलाल प्रजापति के अनुसार गांव निमोडिया में 22 वर्षीय युवक एवं चाकसू के वार्ड 4 में  65 वर्षीय वृद्ध व 63  साल की वृद्धा पाॅजिटिव पाए गये थे। जिनको मिलाकर क्षेत्र में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 102 हो गई।इनमें से 76 मरीज ठीक हो चुके हैं तथा 24 का उपचार चल रहा है।अब तक कोरोना से दो की मृत्यु हो चुकी है।

प्रबुद्ध जन केलाश शर्मा, राधेश्याम शर्मा ,रमेश शर्मा आदि का मानना है कि  जब से लॅकडाउन में ढील दी गई है आमजन निश्चिंत हो गया है एवं भय से मुक्ति मिल गई ,ऐसा मान बैठा है।लोगों ने मास्क का उपयोग छोड़ दिया,दो गज की दूरी बनाए रखना भूल गये।बाजारों,चोराहों पर लोगों को हुजूम, भीड़भाड़ सामान्य बात हो गई।50 की सीमा निश्चित होने के बावजूद सैकड़ों की संख्या में भोजन के आयोजन होने लग गये। तेजाजी के धाम हो या ग्रामीण क्षेत्रो में भगवान के नौका विहार, जनप्रतिनिधियों के सम्मान समारोह हो या भोजन के आयोजन सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी की खुले आम धज्जियां उड़ाई जा रही है।आरएएस स्तर के  अधिकारी तक मूक दर्शक बने नज़र आ रहे हैं।

कोरोना के नियंत्रण को लेकर पूरा प्रशासन असहाय नजर आ रहा है।कोई रोक-टोक,लगातार पुलिस वालों प्रशासन की गश्त, चालान बनाना या लोगों को बार बार उद्घोषणा कर जागरुक करना जैसे दायित्व जिम्मेदार लोग भूल बैठे हैं।यह सब पुरानी बात हो कर रह गई।फिर चाकसू की जनता "भय बिना प्रीत नही "किसी भी नियम का पालन नहीं करती।भुगतना चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को अथवा भोले भाले लोगों को पड़ रहा है।शहर से हट कर कोरोना अब कस्बे व ग्रामीण क्षेत्रो में धीरे धीरे अपने पांव पसार रहा है।इसका उपचार भी मंहगा होने के कारण गरीबों की सहन सीमा से बाहर है। इसका बचाव ही सुरक्षा है।दो गज की दूरी-चेहरे पर मास्क जरुरी।

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