राजेश सैन
बनेठा (सच्चासागर) उपतहसील मुख्यालय स्थित दिगम्बर जैन मंदिर में मंदिर के पदाधिकारियों द्वारा दस लक्षण पर्व के दूसरे दिन उत्तम मार्दव धर्म की पूजा अर्चना की गई प्रात:काल को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रीजी की प्रतिमा पर अभिषेक व कोरोना महामारी से निजात पाने के लिए शांतिधारा की गई ! सरकार की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए जैन समाज के लोगो ने अपने घरों में रहकर ही मार्दव धर्म की पूजा अर्चना की ! जैन शास्त्र बताते है कि बाहरी सुखों का त्याग कर श्रावक अपने आत्मकल्याण के लिए तीर्थंकर भगवान द्वारा बताए मूल उपदेशों को अंगीकार कर सकता है। मार्दव धर्म हमें हमारे मन की मलीनता को खत्म कर जीवन को सुगंधित करने की सीख देता है। जिस प्रकार चंदन को अच्छी तरह से घिसने के बाद ही उसे माथे पर तिलक लगाया जाता हैं, उसी तरह उत्तम मार्दव धर्म मनुष्य को अपने भीतर के क्रोध, कषाय, छल-कपट आदि को खत्म कर चंदन की तरह सुगंधित जीवन जीने का ज्ञान देता है। दोपहर में मार्दव धर्म की तत्वचर्चा के बाद शाम मंदिर समिति द्वारा महाआरती की गई !
