रामबिलास लांगड़ी
निवाई/जयपुर ( सच्चा सागर) राजस्थान पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) और पंजाब पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन सेल, अमृतसर ने मिलकर एक ऐसी सनसनीखेज कार्रवाई को अंजाम दिया है, जिसने देश की राजधानी दिल्ली और मध्य प्रदेश के ग्वालियर को स्वतंत्रता दिवस से पहले खून और बारूद की लपटों में झोंकने की साजिश को समय रहते नाकाम कर दिया।
पंजाब के नवांशहर-जालंधर में ग्रेनेड धमाके से शुरू हुआ खेल
7 जुलाई 2025 को पंजाब के नवांशहर, जालंधर में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गों ने शराब की दुकान के सामने ग्रेनेड धमाका किया। उद्देश्य था दहशत फैलाकर अवैध वसूली। धमाके के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए और राजस्थान में छिपकर अगले बड़े हमले की योजना बनाने लगे। लेकिन उनके मंसूबों को राजस्थान पुलिस ने चकनाचूर कर दिया।
देश में खून की होली खेलने का ब्लूप्रिंट
पूछताछ में खुलासा हुआ कि इस गिरोह का हैंडलर जिशान अख्तर, कनाडा में बैठा कुख्यात अपराधी है, जिसने मुंबई में बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। जिशान पाकिस्तान के गैंगस्टर शहजाद भट्टी, मनु अगवान और गोपी नवांशहरिया से जुड़ा है। ये सभी ऑनलाइन माध्यम से भारत के अलग-अलग राज्यों के युवकों को पैसों का लालच देकर अपने गिरोह में शामिल करते हैं और उन्हें हथियार मुहैया कराते हैं।
जिशान ने ही इन आरोपियों को ग्रेनेड उपलब्ध कराए और 15 अगस्त के आसपास दिल्ली और ग्वालियर में धमाके कर बड़ी वारदात करने का आदेश दिया था।
गिरफ्तार आरोपी
इस हाई-प्रोफाइल केस में पकड़े गए आरोपी हैं —
1. शिवम उर्फ बिट्टू पुत्र संजीव यादव, जाति यादव, निवासी सेमइकापुरा पंचायत सराय रसूलपुर, थाना बलूआ, जिला चंदौली, उत्तर प्रदेश
2. जितेंद्र चौधरी पुत्र भागचंद चौधरी, जाति जाट, निवासी आकोडिया, थाना निवाई, जिला टोंक, राजस्थान
3. संजय पुत्र बुद्धराम, जाति नायक, निवासी नवरंगदेसर, थाना शेरगढ़, जिला हनुमानगढ़, राजस्थान
4. सोनू उर्फ काली पुत्र उदय मंडल, जाति चीर, निवासी आलमगीर, कपूरथला, पंजाब
5. सोनू पुत्र राजू पासवान, जाति पासवान, निवासी खास दरबार कोदरवा, कपूरथला, पंजाब
6. एक नाबालिग आरोपी
कैसे हुई गिरफ्तारी -
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (अपराध शाखा) श्री दिनेश एम.एन. के निर्देशन में एजीटीएफ टीम ने अपनी पहचान छुपाकर जयपुर और टोंक के आपराधिक क्षेत्रों में जान की बाजी लगाकर घुसपैठ की। श्री सिद्धांत शर्मा (अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एजीटीएफ) के सुपरविजन और रामसिंह (पुलिस निरीक्षक) के नेतृत्व में उपनिरीक्षक नरेंद्र सिंह, सहायक उपनिरीक्षक दुष्यंत सिंह, हेड कांस्टेबल शाहिद अली (38), कांस्टेबल रविंद्र सिंह (526), महेंद्र सिंह (925), देवेंद्र सिंह (786), जितेंद्र कुमार (848), चालक दिनेश कुमार (625) और तकनीकी सहयोगी संजय (44) ने गुप्त सूचना और लोकेशन ट्रैकिंग के आधार पर दबिशें दीं।
10 अगस्त 2025 को इन सभी आरोपियों को जयपुर और टोंक से दबोचकर पंजाब पुलिस को सौंपा गया।
ऑनलाइन नेटवर्क और विदेशी कनेक्शन -
पुलिस ने बताया कि आरोपी जिशान अख्तर से इंस्टाग्राम और अन्य ऑनलाइन एप्स के जरिए जुड़े हुए थे। पाकिस्तान में बैठे शहजाद भट्टी और गैंगस्टर नेटवर्क से समन्वय बनाकर भारत में आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने की साजिश रची जाती थी।
पुलिस का बयान -
"यह गिरफ्तारी स्वतंत्रता दिवस से पहले देश की सुरक्षा के लिए बहुत बड़ी सफलता है। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं होती तो दिल्ली और ग्वालियर में खून की नदियां बह सकती थीं," एजीटीएफ, राजस्थान पुलिस।
सोशल मीडिया पर अपहरण की अफवाह, प्रेस नोट ने खोला सच
जब निवाई के आकोडिया गांव में पुलिस ने दबिश दी तो चारों तरफ सोशल मीडिया पर यह खबर फैल गई कि कुछ युवकों का अपहरण कर लिया गया है। स्थानीय स्तर पर अफवाहें गर्म हो गईं और लोग अलग-अलग कयास लगाने लगे। लेकिन आज राजस्थान पुलिस मुख्यालय ने जैसे ही गिरफ्तारियों का प्रेस नोट जारी किया, पूरी स्थिति साफ हो गई कि यह कोई अपहरण नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा से जुड़ी एक बड़ी कार्रवाई थी, जिसमें अंतरराज्यीय आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त किया गया।
देशभर में नेटवर्क पर शिकंजा कसने की तैयारी -
राजस्थान पुलिस और पंजाब पुलिस अब इस गैंग से जुड़े बाकी नेटवर्क को तोड़ने के लिए संयुक्त ऑपरेशन चला रही हैं। जांच में और भी चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना है। यह केस न सिर्फ राजस्थान पुलिस की सतर्कता और जांबाजी का उदाहरण है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि चाहे अपराधी कितना
भी बड़ा क्यों न हो, कानून के शिकंजे से बच नहीं सकता।