मूक पक्षियों के दाने-पानी की व्यवस्था करने के लिए हम सभी को आगे आना होगा : डॉ. दीप्ति मीणा
संयुक्त निदेशक के निर्देश पर पशु चिकित्सालय राजमहल में परिंडे बांधे
टोंक (सच्चा सागर)। जिले में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण दाने-पानी के लिए परेशान हो रहे बेजुबान पक्षियों की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझते हुए पशु चिकित्सालय राजमहल की प्रभारी डॉ. दीप्ति मीणा आगे आई। इसी के तहत उनहोंने मंगलवार को पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. छोटू लाल बैरवा के निर्देश पर पशुचिकित्सालय राजमहल में पक्षियों की भूख-प्यास बुझाने को लेकर परिंडे बांधे और चिकित्सालय के कार्मिकों को परिंडों की नियमित साफ-सफाई एवं इनमें प्रतिदिन दाना-पानी भरने के निर्देश दिए। प्रभारी डॉ. मीणा ने कहा कि इन मूक परिंदों को दाने-पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़े इसके लिए हम सभी को इस पूनित कार्य में आगे आना होगा। प्रभारी डॉ. दीप्ति ने परिंडे बांधने के अवसर पर ग्राम के पशुपालकों एवं चिकित्सालय कार्मिकों को संबोधित करते हुए कहा कि भीषण गर्मी में मनुष्य तो बोलकर अपनी भूख-प्यास की पीड़ा को व्यक्त कर सकता है लेकिन हमारे और प्रकृति के सच्चे मित्र अपनी पीड़ा को नहीं बता सकते है। इन मूक पक्षियों के दाने-पानी की व्यवस्था करना हमारे नैतिक दायित्व के साथ-साथ सबसे बड़ा धर्म व पुण्य का काम है। हमारा कर्तव्य है कि हम अपने घरों के आँगन, छत एवं सार्वजनिक स्थानों पर इन बेजुबान पक्षियों के लिए परिंडे लगाकर उनमे प्रतिदिन दाना-पानी रखे। प्रभारी मीणा ने कहा कि हमारे छोटे-छोटे प्रयासों से ही आने वाली भावी पीढिय़ां ऐसे पुण्यकार्य करने के लिए प्रेरित होंगी। डॉ. मीणा ने कहा कि बेजुबान पशु-पक्षी प्रकृति के दूत हैं, पक्षी हमारे पर्यावरण को बचाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। उन्होंने कहा कि दाने-पानी से भरे हुए परिंडे, पशु चिकित्सालय में वाले पक्षियों की भूख-प्यास बुझाने में लाभदायक साबित होंगे।
पशु-पक्षियों, पौधों और हरियाली का होना ही हमारे होने की शर्त है
डॉ. दीप्ति ने कहा कि, पशु-पक्षियों, पौधों और हरियाली का होना ही हमारे होने की शर्त है। जब तक इनका जीवन बचा रहेगा, तब तक ही मानव जाति का भी अस्तित्व रहेगा। पशु-पक्षियों को दाना-पानी देेने को हम अपनी आदत में शुमार कर लें अन्यथा मनुष्य के समक्ष भी दाने-पानी का संकट खड़ा हो जाएगा। चिकित्सालय प्रभारी मीणा ने बताया कि संयुक्त के निर्देश पर परिंडा अभियान की गतिविधियां आगे भी निरंतर जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि परिंडों की नियमित साफ-सफाई एवं इनमें प्रतिदिन दाना-पानी डालने में कार्यालय के किसी भी कार्मिक की लापरवाही को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
पशुपालकों की समस्याओं के निराकरण के पशुधन सहायक को दिए निर्देश
चिकित्सालय प्रभारी डॉ. दीप्ति ने परिंडा बांधने के दौरान पशुपालकों की जनसुनवाई कर समस्याओं का समाधान करने के लिए पशुधन सहायक धर्मराज मीणा को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गांव के पशुपालक अपनी समस्या लिखित रूप में दें आगामी दिनों में आपकी समस्याओं का संयुक्त निदेशक से चर्चा कर समाधान किया जाएगा। मीणा ने कहा कि पशुपालक प्राथमिकता के आधार पर अपनी समस्याओं को बताएं, ताकि उन्हें चरणबद्ध रूप से पूरा कराया जा सके। जिन समस्याओं का नियमानुसार समाधान किया जाना संभव नहीं होगा, इसकी सूचना आपको दी जाएगी।
गांव के समस्त पशुपालक मंगला पशु बीमा योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएं
परिंडा बांधने के अवसर पर प्रभारी मीणा ने गोपालक एवं पशु पालकों से कहा कि राज्य सरकार द्वारा पशुपालकों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना चलाई जा रही है। गांव के सभी पशुपालक इस जनकल्याणकारी योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत पशुपालकों के दुधारु और भारवाहक पशुओं का नि:शुल्क बीमा किया जा रहा है। योजना में दुधारु गाय, भैंस, ऊंट, भेड़ व बकरी जैसे पशुओं का एक वर्ष के लिए नि:शुल्क बीमा होगा। उन्होंने बताया कि यह योजना न केवल आपके अमूल्य पशुओं की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करेगी बल्कि आपके पशुपालन व्यवसाय को भी प्रोत्साहन देगी। दीप्ति ने बताया कि योजना के लिए आप अपने जन आधार कार्ड की सहायता से मोबाइल फोन में मंगला पशु बीमा योजना ऐप व नजदीकी ई-मित्र से अपना नि:शुल्क पंजीयन करवा सकते है।