संस्कृति के सुंदर छंद से रचेगा 'लोकरंग' ,
विविधता में एकता के प्रतीक रालाबाबा लक्खी मेले को लेकर तैयारी बैठक आयोजित
मेघालय राज्यपाल सत्यपाल मलिक होंगे मुख्य अतिथि, कहीं धार्मिक कार्यक्रमों के साथ शुरू होगा मेला,
रालाबाबा की भव्य प्रतिमा की होगी प्रतिष्ठा ।
- रामबिलास लांगड़ी
निवाई (सच्चा सागर) मेले हमारी समृद्ध संस्कृति, परम्परा एवं रीति-रिवाजों के परिचायक हैं। विविधता में एकता के प्रतीक मेले और उत्सवों के आयोजन से हमारी संस्कृति को संजोने और सहेजने को बल मिलता है, साथ ही साथ नई पीढ़ी को हमारी स्मृद्ध संस्कृति एवं परम्पराओं का भी ज्ञान होता है। मेलों के आयोजन से भाईचारा, सद्भाव कायम रहता है। मेले ग्रामीण समाज को जीवंत बनाते है,मिट्टी की महक और उसकी महिमा को मुखरित करती कलाओं की एक सुनहरी दुनिया जब मनुष्यता के आसपास अपने अर्थ खोलती है तो जीवन में उत्सव लौट आता है. इस उत्सव के आसपास कामनाएं अपना ठौर तलाशती हैं. बुझापन काफूर होता है. समय मुस्कुरा उठता है. ‘लोकरंग’ के आंगन में इसी इन्द्रधनुष का सतरंगी सैलाब उमड़ आता है.इसी लोकरंग मे रंगने जा रहा है विश्व प्रसिद्ध लोक देव रालाबाबा धाम किंवाड़ा , इस बार जेष्ठ अमावस्या के मेले पर गाय, न्याय और सच्चाई के लिए अमर बलिदान करने वाले लोक देव रालाबाबा की घोड़ी पर सवार भव्य प्रतिमा प्रतिष्ठा की जायेगी,नागौर के मकराना के सफेद संगमरमर से बन रही है घोड़ी कार्यक्रम का खास आकर्षण होगी। कार्यक्रम संयोजक हरिराम किवाड़ा ने बताया कि कार्यक्रम के भव्य आयोजन को लेकर समिति अध्यक्ष रामजस जाट की अध्यक्षता में आयोजन समिति के सदस्यों की विशेष बैठक हुई, व्यवस्थाओं को लेकर सभी को आवश्यक जिम्मेदारी दी गई। उल्लेखनीय है कि इस बार रालाबाबा मेले में मुख्य अतिथि मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक रहेगे, आवश्यक व्यवस्थाएं बनाने के लिए प्रशासन को अवगत करवा गया है। बैठक के दौरान समिति सचिव किशन लाल जाट, गौशाला अध्यक्ष हरिशंकर जाट, सरपंच प्रतिनिधि दयाराम चौधरी, युवा नेता राम सहाय मीणा, हेमराज देवपुरा, पटवारी मनोज गुर्जर, नीतीश चौधरी, चरण सिंह चौधरी, हरिनारायण घोड़ेला, लक्ष्मी नारायण जाट, रामस्वरूप जाट, सूरज भूरटिया, सियाराम लुहारा, समेत ग्रामवासी मौजूद रहे।
राज्यपाल की उपस्थिति में डॉक्यूमेंट्री फिल्म का होगा प्रसारण
लोक देव रालाबाबा की वीर गाथा और किंवाड़ा गांव की महिमा को लेकर स्पेशल डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई जा रही है, जिसका प्रसारण भी मेले पर राज्यपाल की गरिमामय उपस्थिति में किया जाएगा।
स्वागत में दुल्हन जैसा सजेगा गांव से लेकर रालाबाबा धाम तक
राज्यपाल सत्यपाल मलिक के आगमन और अमावस्या मेले की महिमा को देखते हुए ग्राम किंवाड़ा और राला बाबा धाम को दुल्हन की तरह सजाने की तैयारी की जा रही है , जिसके लिए संबंधित डेकोरेटर्स को जिम्मेदारी दी गई है।
प्रतिभाओं का होगा सम्मान
रालाबाबा अमावस्या मेले में मुख्य अतिथि राज्यपाल सत्यपाल मलिक के कर कमलों से कार्यक्रम के विशेष सहयोगी एवं उत्कृष्ट योगदान देने वाली प्रतिभाओं को मेडल, मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जायेगा। राला बाबा सेवा समिति की ओर से सम्मानित होने वालों की सूची भी तैयार की जा रही है।
जसनाथी संप्रदाय का अग्नि नृत्य होगा आकर्षण का केंद्र, लोक कलाकार देंगे सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
रालाबाबा मेले में देश प्रदेश के प्रसिद्ध संगीतकार गायन की प्रस्तुति देंगे, तो अंतरराष्ट्रीय कलाकार नृत्य के माध्यम से समा बांधेंगे। इस अवसर पर बाड़मेर से विशेष रूप से जसनाथी सिद्धों को आमंत्रित किया गया है जो अंगारों पर नृत्य का अद्भुत करतब दिखाएंगे।
सवामणी और जड़ूलों की रहेगी भरमार
जेष्ठ अमावस्या के मेले पर प्रति वर्ष की भांति बच्चों के मुंडन संस्कार के रूप में जडूला संस्कार संपादित होगा। इस अवसर पर अपनी मांगलिक मन्नतें पूरी होने के उपलक्ष्य में श्रद्धालुओं की ओर से सवामणी के रूप में सबके लिए भंडारा प्रसादी आयोजित होगी।