बजट के अभाव मे विकास के काम अटके, ग्राम पंचायत नालियां तक नहीं बना पा रही ।
पिछले दो वर्ष से गांवों को नहीं मिल पा रहा है एसएफसी का बजट
- रामबिलास लांगङी
निवाई (सच्चा सागर) राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी की सरकार सत्ता में भले भी सफलतापूर्वक 2 वर्ष पूरे कर लिए हो लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायतों को बजट नहीं मिलने के कारण गांव बदहाली में है करीब 1 वर्ष पहले पंचायती राज चुनाव में नए बने सरपंच सरकार की तरफ बजट के अभाव में टकटकी लगाए देख रहे हैं ,
राज्य सरकार द्वारा पिछले दो वर्ष से ग्राम पंचायतों में एसएफसी की किश्त जारी नहीं करने से गांवों की सरकार का खजाना खाली पड़ा है। जिससे गांवों में विकास कार्य ठप्प पड़े है। सरपंचों को चुने एक वर्ष हो चुके है, लेकिन बजट के अभाव में विकास कार्य नहीं करा सके है। सरकार के निर्देशों पर पंचायतों की बैठकों में सरपंचों ने विकास कार्यों के लिए वार्षिक एक्शन प्लान तैयार कर लिए, लेकिन पंचायतों का खजाना खाली होने से गांवों के विकास की राह में रोड़े अटक रहे है। ग्रामीण पानी, सड़क सहित अन्य समस्याओं के समाधान के लिए नए सरपंचों से उम्मीद लगाए बैठे है।
ग्राम पंचायतों में बजट नहीं होने से सरपंच भी मजबूर है, जबकि पंच, सरपंचों को निर्वाचित हुए एक वर्ष बाद हो चुके है। जानकारी के अनुसार पिछले दो वर्ष से राज्य सरकार ने ग्राम पंचायतों में विभिन्न योजनाओं के तहत विकास कार्यों के लिए स्वीकृत राशि तक नहीं भेजी है। ऐसे में नए सरपंचों के सामने चुनावों में विकास करवाने के लिए किए गए वादों को पूरा करवाना मुश्किल हो रहा है।
वही तत्कालीन सरपंचों द्वारा एडवांस में कराए गए विकास कार्यों की देनदारी भी नए सरपंचों पर आ पड़ी है। ग्राम पंचायतों में विकास कार्य के लिए केन्द्र सरकार द्वारा एफएफसी (केन्द्र वित्त आयोग) के तहत टाइड व अनटाइड फंड एवं राज्य सरकार द्वारा एसएफसी (राज्य वित्त आयोग) योजना में जिला परिषद, पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायतों में ग्राम क्षेत्र विकास के लिए दो किश्तों में राशि भेजी जाती है।केन्द्र सरकार द्वारा एफएफसी के तहत टाइड व अनटाइड की राशि दो किश्तों में ग्राम पंचायतों को भेज दी है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा एसएफसी की राशि पिछले दो वर्ष से नहीं भेजी है। इस राशि से सड़क, खरंजा निर्माण कराए जाते है, जबकि एफएफसी से सड़क व खरंजा निर्माण नहीं कराया जाता है।
एसएफसी की राशि नहीं मिलने से ग्राम पंचायतों में सड़क, खरंजा एवं अन्य विकास कार्य ठप्प पड़े है। एसएफसी के तहत ग्राम पंचायतों में औसतन 20 लाख आते है। इसके अलावा एक्टिव सरपंच विधायक निधि, सांसद निधि कोष, पंचायत समिति व जिला परिषद से भी फंड स्वीकृत कराकर गांव का विकास कराते है।
