2 साल में भी नही करा सके क्षेत्र का विकास,
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चाकसू को स्मार्ट सिटी बनाना अधूरा ख़्वाब, प्रस्तावित पार्क भी जनता के साथ सिर्फ एक छलावा
लोकेश कुमार गुप्ता
चाकसू (सच्चा सागर )विधायक वेदप्रकाश सोलंकी झूठी घोषणा के शंख है, ये हम नही कह रहे यहां की जनता की जुबानी है। भले ही इस बार भी नगरपालिका चुनाव में निर्दलीयों के जोड़तोड़ की गणित से कांग्रेस का बोर्ड बना लिया हो। लेकिन एक दो चहेते पार्षदों के वार्डो के अलावा पूर्वति कांग्रेस के बोर्ड कार्यकाल में विकास के कोई गिनाने वाले काम नही हुए, जबकि आज भी कस्बा कई वार्ड विकास की बाट जो रहे है। कुल मिलाकर जनता का आरोप है कि विधायक सोलंकी के 2 साल पहले चुनाव जितने से लेकर अब तक क्षेत्र में कोई विशेष विकास के काम नहीं हुए है। हालांकि कांग्रेस के नाम पर नेताजी कि जाजम भिच्छा ने वाले महाश्य जरूर विधायक को विकास पुरुष का नाम दे दिया हो। लेकिन क्षेत्र में विकास पुरूष कहे जाने वाले विधायक वेदप्रकाश सोलंकी अपने विधानसभा चुनाव जितने से पहले घोषणाओं का अंबार लगा दिया था। अपनी लम्बी-लम्बी घोषणाओं में कहा कि अगर में विधायक बनता हूं तो चाकसू नगरपालिका को स्मार्ट सिटी बना दूंगा। सरकारी सेटेलाइट अस्पताल को सुव्यवस्थित नया भवन, अस्पताल में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी की नियुक्ति, सोनोग्राफी मशीन और कस्बे में सीसीटीवी लगाने की सभी बाते गोल हो गई। कहा जाए तो चाकसू का विकास सिर्फ चुनाव से पहले विकास पुरुष द्वारा की गई घोषणाओं में ही सिमट कर रह गया है। और आज 2 साल बीत जाने के बाद भी जनता विकास के लिए तरस गई। चारों तरफ सड़कें टूटी पड़ी है। नालिया उदल व टूटकर बिखर गई, सरकारी कार्यालयों में जनता के काम समय पर नहीं हो पा रहे हैं। कस्बे के गौरवपथ की सुंदरता में कुछ नहीं हुआ। सूत्रों की माने तो एसीडी में शिकायत के अनुसार चाकसू की नगरपालिका में रोडलाइट के नाम पर बड़ा भ्रष्टाचार हुआ। लगभग यहां 3 करोड़ रुपये की लाइटे खरीद की, लेकिन आज भी कस्बे में कई जगह रोड़ पर अंधेरा छाया रहता है। यहां तक आसोलाई रोड़ खाल के बालाजी मन्दिर के रास्ते की लाइट तो नगरपालिका ने गायब ही बता दी है। वहीं चाकसू नीलकंठ मन्दिर के पास मालोराई में प्रस्तावित पालिका द्वारा पार्क बनाना भी केवल महज जनता के साथ छलावा ही साबित हो रहा है। चाकसू में पूर्वत पालिका बोर्ड कांग्रेस का होते हुए भी कुछ नहीं हुआ। पालिका चुनाव जितने के नाम पर विधायक सोलंकी के नेतृत्व में जनता अपने कामों व साफ-सफाई के साथ अन्य कामों के लिए पालिका के चक्कर काटती रही। लेकिन विकास पुरुष कहे जाने वाले विधायक वेदप्रकाश सोलंकी का इस ओर कोई ध्यान नहीं गया। ये हालत तब बने जब वे चाकसू के विधायक है। ध्यान है तो सिर्फ विकास के नाम झूठी घोषणा की फोटो खिंचवाने में और सोशल मीडिया पर शेयर कर जनता की वाहवाही बटोर में ही विकास मान रहे है। आरोप यहां तक है कि विधायक की सोच 'भाड़ में जाए जनता' वाली कहावत चरितार्थ होती है। लेकिन अब सोचने वाली बात यह है कि विधायक सोलंकी ने निर्दलीयो को झूठी लुभावनी चाण्क्य रणनीति से लुभाकर इस बार भी नगरपालिका चुनाव में निर्दलीयों का समर्थन लेकर पालिका में फिर से कांग्रेस का बोर्ड बैठा लिया है। लेकिन पूर्व कार्यकाल व विधायक की वर्तमान कार्यशैली से दुःखी जनता ने पालिका चुनाव में कांग्रेस को इस बार सिरे से नकार चुकी थी। गौरतलब है कि नगरपालिका के 35 वार्ड में से महज कांग्रेस 11 सीटे जीत कर आई। लोगों का आरोप है कि इस बार चाणक्य नीति पैसो के लोभ प्रलोभन के सहारे निर्दलीयों का सर्मथन लेकर फिर से पालिका का बोर्ड बना लिया है। विधायक की करनी व कथनी में कोई अंतर जनता समझे इससे पहले ही कुछ मीडिया को मोटा लाखों का विज्ञापन देकर अपनी छवि धुमली होने से विधायक अपने को बचाने का प्रयास शुरू कर दिया है। विधायक की कार्यशैली से कांग्रेस पार्टी के कई वरिष्ठ कार्यकर्ता भी इनसे दूर हो गए है। बतादें कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में पूर्व विधायक अशोक तंवर, ब्लॉक अध्यक्ष गंगाराम मीणा तक ने इनसे मुंह फेर चुके है। जिनके बलबूते विधायक का चुनाव जीत कर आए थे। जनता को चाकसू विधायक सोलंकी से कही उम्मीदे थी कि वे सभी जिज्ञासाओं पर खरा उतरेगे, लेकिन विधायक बनने से अब तक 2 साल में चाकसू का विकास गति नहीं पकड़ पाया, या कहे विकास के लिए चाकसू आज भी पिछड़ा हुआ दिखाई देता है। अब उनके लुभावने वाले चुनावी वादे भी जनता के सामने केवल वोट मांगने तक ही थे। फिर से नगरपालिका चुनाव में कई स्थानीय बेड़े नेताओ को मैदान में उतारा गया था, लेकिन जनता के विश्वास पर खरे नहीं उतरे विधायक सोलंकी के नेतृत्व में कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़े कई स्थानीय दिग्गज नेता पार्षदी का चुनाव हार गए है। ऐसे में प्रतीत होता है कि इस बार विकास पुरूष कहे जाने वाले विधायक सोलंकी का झूठा पुलावी जादू जनता के बीच नहीं चल पाया। भाजपा के टिकट पर पालिका चेयरमैन पद के प्रत्याशी रहे विनोद राजोरिया सहित कार्यकर्ताओ ने तो यहां तक कहा- निर्दलीयों के सर्मथन की जोड़तोड़ की गणित से विधायक सोलंकी ने कांग्रेस का बोर्ड नही बनाया, बल्कि केवल अपनी शाक बचाई है। बात करे तो आज 2 साल बाद भी विकास के वादे पूरे नही हुए या पुराने भी अधूरे पड़े है। ना रीको की बात पूरी हुई, और ना कस्बे स्थित सेटेलाइट अस्पताल की स्थिति सुधर पाई, यह सब किसी से अनजानी नहीं है। कहने को सरकारी अस्पताल सेटेलाइट में क्रमोन्नत होने के बाद केवल स्वास्थ्य केंद्र ही बनकर रह गया, यहाँ चिकित्सा सुविधाओं और विस्तार के नाम पर आज भी कुछ नही है।
