टोंक जिले के उनियारा उपखंड के अलीगढ़ से गुमशुदा बालक तीन साल बाद मिला।पथराई आंखों में फिर से लौटी खुशी,मानव तस्करी विरोधी यूनिट एवं गुमशुदा प्रकोष्ठ प्रभारी बृजमोहन देवराज मय टीम ने बालक को किया परिजनो को सुपुर्द , मामले में अनुसंधान जारी

 

 मदन लाल सैनी




टोंक/ उनियारा (सच्चा सागर) जिले के उनियारा उपखंड के अलीगढ़ थाना क्षेत्र से बाबूलाल मीणा का बच्चा निवासी सहादतनगर थाना अलीगढ़ जिला टोंक जो 8 जुलाई 2017 ( कुल समय 3 वर्ष 5 महीने पूर्व) को अपने गांव सहादतनगर से अलीगढ़ कस्बा स्थित सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में पढ़ने गया था।जहां पर स्कूल की छुट्टी होने के बाद रास्ते से लापता हुआ।उस समय शाम को घर नहीं पहुंचने पर घर वालों ने खूब तलाशा। लेकिन उसके नहीं मिलने के बाद परिजनों ने अलीगढ़ थाने में उक्त छात्र के गुमशुदा होने का परिवाद दर्ज करवाकर मुकदमा संख्या - 101 / 2017 पर दर्ज किया जाकर मानव तस्करी विरोधी यूनिट एवं गुमशुदा प्रकोष्ठ टोंक द्वारा अनुसंधान शुरू किया गया। जिसके बाद मानव तस्करी विरोधी यूनिट एवं गुमशुदा प्रकोष्ठ द्वारा जरिये इश्तेहार पोस्टर पंपलेट एवं न्यूज़ चैनलों के माध्यम से गुमशुदा बालक को तलाशने का काफी प्रयास किया। वहीं परिजन भी अपने स्तर से बालक को ढूंढने में लगे रहे। लेकिन गुमशुदा छात्र का कई भी अता-पता नहीं चल पाया। अचानक मंगलवार शाम को 7:30 बजे करीबन गुमशुदा छात्र ने अपने पिता बाबूलाल मीणा को मोबाइल से फोन करके उसकी मां केशन्ता देवी से बात करने को कहा। जब उसके पिता ने उसकी मां से बात कराई, बात करने के बाद परिजनों द्वारा उसके रहने का पता पूछने पर वह रोने लग गया और अपने आप को दिल्ली बताकर बुधवार को  जयपुर होते हुए शाम तक घर पहुंचने की बात कही और फोन बंद कर लिया। उसके बाद गुमशुदा छात्र के परिजन एवं चचेरे भाई शिवराज मीना ने अलीगढ़ थाना पुलिस सहित मानव तस्करी विरोधी यूनिट एवं गुमशुदा प्रकोष्ठ टोंक सहित पुलिस के उच्च अधिकारियों को मामले से अवगत कराया।बुधवार को गुमशुदा का फोन वापस चालू हुआ तो परिजनों की बात होने पर उसने जयपुर सिंधी कैंप बस स्टेण्ड से रोडवेज बस द्वारा टोंक होते हुये 10-11 बजे तक अपने गांव  सहादतनगर पहुंचने की बात कही। उसके बाद बुधवार को मानव तस्करी विरोधी यूनिट एवं गुमशुदा प्रकोष्ठ के प्रभारी पुलिस निरीक्षक ब्रजमोहन देवराज के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल भरतराज शर्मा, हैड कॉन्स्टेबल रामसहाय गुर्जर,हेड कांस्टेबल चौथमल,हेड कांस्टेबल सरवन लाल, देविका कानि. मय टीम एवं अलीगढ़ थाना पुलिस ने जगह जगह उनियारा से टोंक मार्ग की सभी रोडवेज बसों में तलाशी ली, लेकिन गुमशुदा बालक नहीं मिला। उसके बाद गठित टीम परिजनों के साथ टोंक से जयपुर के लिए रवाना हुई तो निवाई पहुंचने पर परिजनों द्वारा सूचना मिली की उक्त गुमशुदा छात्र रोडवेज बस द्वारा उनियारा पहुंच गया है और सकुशल अपने चचेरे भाई कन्हैयालाल मीणा को मिल गया है। उसके बाद मानव तस्करी थाना टीम एवं परिजन वापस निवाई से टोंक होते हुए उसके गांव सहादतनगर पहुंचे। जहां पर गांव वाले, रिश्तेदार इक्कठे हो गए तथा बालक को देखकर अपने आंसू नहीं रोक पा रहे थे। लेकिन बालक के मिलने से गमगीन माहौल खुशी में बदल गया तथा पथराई आंखों में खुशी लौट आई। मानव तस्करी विरोधी यूनिट एवं गुमशुदा प्रकोष्ठ टोंक की टीम ने गुमशुदा बालक और परिजनों से पूछताछ की। पूछताछ व समझाईश के बाद दस्तयाब कर टोंक लाकर मानव तस्करी थाने में बयान लेकर बाल संरक्षण इकाई अध्यक्ष (मजिस्ट्रेट) रवि शर्मा व बोर्ड के समक्ष पेश किया जाकर बालक को परिजनों को सुपुर्द किया गया। इस मामले में अनुसंधान जारी है।

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