पुलिस व वन विभाग की सांठगांठ के चलते सरकार को लग रहा है करोड़ों का राजस्व चूना

शिवराज मीना


अलीगढ़/उनियारा,(शिवराज मीना)। उपखण्ड क्षेत्र में उनियारा वृत थाना क्षेत्रों में एक और जहां पुलिस द्वारा बजरी माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर नाम मात्र कागजी कार्रवाई दिखाने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली व डम्परों को जब्त किया जाता है। वहीं पुलिस द्वारा जब्त किये गए अवैध बजरी के ट्रैक्टर-ट्रॉली को आमतौर पर जहां एसआईटी की धारा व अवैध बजरी खनन की धाराएं लगाकर अज्ञात चालक बताकर F.I.R. काटी जाती है। वहीं बाद में अवैध बजरी परिवहन में जब्त वाहन की सुपुर्दगी के लिये मालिक द्वारा जब न्यायालय में वाहन की सुपुर्दगी प्रार्थना पत्र पेश किया जाता है तो पुलिस विभाग व वन विभाग की सांठगांठ के चलते उक्त वाहन को पुलिस द्वारा वन विभाग एक्ट की धारा 41/42 में पुलिस कार्यवाही बताई जाती है। वहीं धारा 41/42 वन विभाग द्वारा न्यायालय समक्ष किसी भी प्रकार का आपति प्रार्थना पत्र पेश नहीं होने से न्यायालय द्वारा उक्त बजरी खनन में लिप्त बजरी वाहन को बगैर जुर्माना छोड़ना पड़ता है। वहीं बाद में वही वाहन कहीं बाहर पकड़े जाने पर भी पुलिस द्वारा न्यायालय को भी गुमराह कर पूर्व में पकड़े गए वाहन संबंधित सूचनाएं भी छुपाई जाती है। जबकि वन विभाग की धारा 41/42 में वन विभाग द्वारा जप्त बजरी वाहन पर वन विभाग द्वारा 31000 से 100000 तक जुर्माना वसूली का प्रावधान है। लेकिन वन विभाग द्वारा भी अवैध बजरी के वाहनों से जुर्माना वसूल करने के केवल नाम मात्र वाहनों से जुर्माना वसूली के मामले सामने आये है। वहीं मामले की जांच करवाई जावे तो कहीं प्रकरणों के खुलासा हो सकते हैं। वन विभाग की मिलीभगत के चलते एक और जहां बजरी में लिप्त अवैध वाहनों से जहां सरकार को करोड़ों रुपयों की राजस्व वसूली होती, वही सरकार को राजस्व का चूना लगाकर क्षेत्र में वन विभाग के कर्मचारी व पुलिस वाले अपनी जेबे भरने में लगे हुए हैं। हाल ही में ककोड़ नाका वन क्षेत्र में भी एक महिला वन विभाग कर्मचारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में एसीबी में मामला दर्ज हुआ हैं। 


----- इनका कहना है -----


उनियारा पुलिस उपाधीक्षक राजेश मलिक का कहना है कि वन अधिनियम की धारा में वन विभाग के अलावा पुलिस विभाग को भी अवैध खनन के वाहन जब्त करने का अधिकार हैं। इसमें पुलिस व वन विभाग दोनों ही कार्यवाही कर सकते हैं।


----- इनका कहना है -----


उनियारा क्षैत्रीय वन अधिकारी हरेन्द्रसिंह नाथावत का कहना है कि वन अधिनियम की धारा में जब्त किये जाने वाले वाहनों की कार्यवाही केवल वन विभाग ही कर सकता है। इसके लिए वन विभाग के डिवीजन कार्यालय से पुलिस अधीक्षक के नाम पत्र भी भेजा जा चुका है।

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