आँवा/टोंक- पूर्व कृषिमंत्री डॉ. प्रभुलाल सैनी ने किसान दिवस पर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को नमन कर कांग्रेस सरकार पर जम कर निशाना साधा। पूर्व मंत्री ने कहा कि किसानों को भड़का कर किसानों को गुमराह कर रही है। मोदी सरकार के द्वारा लाये गए कानून पूर्णतया किसान हितैषी है। लेकिन अधिकतर राजनैतिक पार्टिया किसानों को गुमराह कर देश मे असंतोष का माहौल फैला रही है।
पूर्व मंत्री ने किसानों से आग्रह किया कि वो किसी भी प्रकार के बहकावे में ना आएं। मोदी सरकार पहले भी किसान हितैषी थी और अब भी किसान हितैषी है और आगे भी किसान हितैषी रहेगी। इसलिए किसानों को जल्द से जल्द आंदोलन समाप्त कर सरकार का समर्थन करना चाहिए।
डॉ. सैनी ने कहा कि वैश्वीकरण के इस युग में भी कृषि अपना विशेष महत्व बनाये हुए है,,,,
हम सब भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरणसिंह जी के किसान को आत्मनिर्भर बनाने की कल्पना को साकार करने का संकल्प लेकर कर्मरत हैं,,,,
1921 में सर्वप्रथम इनके जन्मदिन को भारतीय किसान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी।
आज देश में 62 करोड़ के लगभग किसान ,अन्नदाता बनकर अपना व समूचे देश का पेट पाल रहा है।
धूप, व गलन में प्रकृति की हर प्रकार की मार को अड़िग पर्वत के समान झेल रहा है,,,
हमारे किसान की मेहनत के दम-खम पर ही हम पूरे दुनियां को चुनोती देने में सक्षम हो रहे हैं।उत्पादकता व गुणवत्ता के क्षेत्र में प्रदेश ने भी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाई है।
राज्य का किसान गेहूं,मक्का, बाजरा,ज्वार के साथ फसलों के विविधीकरण की ओर अपने कदम बढ़ाए हुए है।।
पिण्ड ख़जूर,जैतून,अनार के साथ पॉली, नेट हॉउस, बून्द-बून्द सिंचाई सहित कई अत्याधुनिक विधियां अपनाकर नवाचार अपना रहा है। पूर्व मंत्री ने कहा कि हम सब मोदी सरकार के आभारी है जिन्होंने
किसान को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तीन कानून पारित किए।
जिनमें
1. आवश्यक वस्तु अधिनियम
2.मूल्य आधारित संविदा खेती व
3. सीधी खरीद है।
ये तीनों कानून किसान हित में हैं,,,
किसान को अपनी मर्जी का मालिक बनाने की मंशा से ली लाया गया है।
क्या ,भारत का किसान अपनी उपज का क्रय अपनी मर्जी से नहीं कर सकता?
मूल्य आधारित खेती नहीं कर सकता।
किसान पूंछ रहा है,क्या आज भी मेरी फसलों की नीलामी सार्वजनिक की जाएगी।
किसान इस कानूनों से सन्तुष्ट भी हैं।
बिचौलिए कुछ चाहते हैं, तो उन्हें अपनी बात अलग से रखनी चाहिए, किसानों को मोहरा नहीं बनाना चाहिए।
यहां मैं, ये भी कहना चाहूंगा कि उक्त तीनों कानून पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी व चैधरी श्री चरणसिंह जी के सपनों को साकार करने के लिए लाए गए हैं,,,,
हमारे प्रधानमंत्री जी श्री मोदी जी इन्हें पंख देकर नई उड़ान दी है।
इसकी शुरुआत तो 2002 में ही हो गई थी,,
तत्कालीन सरकार ने डॉ. श्री स्वामीनाथन के मिशन को लक्ष्य बनाकर इन तीनो कानूनों को शामिल किया गया था तथा मॉडल एक्ट बनाकर पूरे देश को लाभ देने की मंशा जाहिए की थी।
आइए इस पावन पर्व पर हम किसान हित को ध्यान में रखकर इन कानूनों का लाभ दिलाने में अपनी भूमिका निभाहें।
