मौमम का मिजाज सर्द होने से खेतों में सरसों की फसल लहलहाने लगी है।


दतवास( सच्चा सागर)  

मौमम का मिजाज सर्द होने से खेतों में सरसों की फसल लहलहाने लगी है। रबी के सीजन में सबसे पहले बुवाई होने से सरसों पौधों में फल खिलने से खेतों में पीली चुनरिया सजने लगी है। शुरुआती दौर के बुवाई वाले खेतों में पीले फूलों की बहार ने किसानों के चेहरों में सरसों की अच्छी पैदावार की उम्मीद के मुस्कान बिखेर दी है।  


अक्टूबर माह के पहले सप्ताह में तापमान में गिरावट आने सरसों की फसल की बुवाई पूरी कर ली गई। दीपावली बाद में तापमान के अनुकूल बने रहने से सरसों की फसल लहलहा उठी। समीप के गांव लुणेरा के पास खेतों में सरसो में पीले पीले फूल खिलने लगे हैं। पीले फूलों से लकदक पौधों को देख किसानों को बम्पर पैदावार की आस जगी है। अभी सरसों की फसल रोग रहित होने से किसान खुश हैं।दतवास क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी की कम उपलब्धता होने की वजह से किसान सरसों की काश्त बहुतायत के तौर पर करते हैं। यही कारण है कि इस बार क्षेत्रीय किसान सरसों की बंपर पैदावार होने की उम्मीद लगाए बैठे। इधर कृषि पर्यवेक्षक शकिल अहमद का कहना है कि मौसम इसी प्रकार अनुकूल रहा तो इस बार सरसों का उत्पाद अन्य वर्षों की अपेक्षा अच्छा रहेगा।

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