लोकेश कुमार गुप्ता
चाकसू (सच्चा सागर )महिला एवं बाल विकास विभाग से जुड़ी आशा सहयोगनियों की नौकरी का सच ‘एक अनार, सौ बीमार’ वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है। एक अकेली आशा के भरोसे विभागीय जिम्मेदारी को ही पूरा करने का दारोमदार नहीं है, बल्कि इन्सेन्टिव राशि देने वाले चिकित्सा विभाग की ढेरों योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी भी उनके भरोसे हैं। मात्र 2700 रुपए (प्रतिदिन 90 रुपए) के मासिक मानदेय के भरोसे गुजर बसर करने वाली इन आशाओं से सरकार कई काम कराती हैं। जिनके बिना सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित ही नहीं है। इतना होने के बावजूद सरकार की ओर से उनकी नियमित उपेक्षा की जा रही है। इस उम्मीद के साथ आशाएं उनकी जिम्मेदारी को पूरा करती हैं कि भविष्य में सरकार उनके बारे कुछ सोच ले और शायद उन्हें स्थायी नौकरी का सहारा मिल जाए। तकनीकी कमजोर कड़ी यह भी है कि आशा कार्यकर्ता को अब तक ढंग से यह भी पता नहीं चल पाया है कि वह किस विभाग के अधीन सेवारत हैं। कारण कि मानदेय आईसीडीएस भुगतान करता है, जबकि चिकित्सा विभाग की सेवाएं देकर वह मासिक इतना ही इन्सेन्टिव खाते में जमा करती हैं।मजबुरन सरकार अब उन की मांगो पर ध्यान नही देती है तो दिवाली के बाद विधानसभा पर धरना प्रदर्शन किया जायेगा
नि:शुल्क सेवाएं भी
आशाओं पर दो विभागों के दायित्व के अलावा क्षेत्र के दिव्यांगों को चिन्हित करना, उनका ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना, उनका विकलांग प्रमाण-पत्र जारी कराकर उन तक पहुंचाना, प्रसूताओं के बैंक खाते खुलाना, उनके खातों से भामाशाह रजिस्ट्रेशन जुड़वाना सहित ढेरों काम बिना मेहनताने के हैं।
आशा सहयोगनियों की जिम्मेदारी
- आईसीडीएस के अधीन संचालित आंगनबाड़ी केंद्र मार्गदर्शिका के तहत आशा सहयोगनियों को प्रतिदिन 10 परिवारों से संपर्क करना अनिवार्य है।
- परिवार में गर्भवती, धात्री, नवजात शिशु, अति कुपोषित बच्चों, साफ-सफाई, स्वास्थ्य, टीकाकरण, खान-पान जैसे विषयों में परिवार से जुड़ी गर्भवती एवं नवजात से जुड़ी जानकारी का रिकॉर्ड आंगनबाड़ी में पेश करना होता है।
- प्रतिमाह वृद्धि निगरानी के लिए मातृ-शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस के दिन 0 से 3 वर्ष तक के समस्त बच्चों की मासिक तथा 3 से 5 वर्ष तक के बच्चों की त्रेमासिक वृद्धि निगरानी के लिए बच्चों को केंद्र पर बुलाकर लाना है।
- प्रसव के 7वें, 14, 21, 28 व 45वें दिन नवजात शिशु की घर जाकर देखरेख भी करनी है।
- क्षेत्र के सभी निवासियों को स्वास्थ्य व पोषण परामर्श देना भी इनकी ड्यूटी में शामिल है।
आंशा सहयोगीनियो ने पुरे जिले मे अपनी मांगो को लेकर 27 तारीख से कार्य बहिष्कार पर है विधायक, सीडीपीओ ,ब्लॉक सीएमएचओ ,चिकित्सा मंत्री ,एसडीएम सहित सभी अधिकारियों को अपनी पीएसी सीएससी पर ज्ञापन दे चुके है ।लेकिन सरकार हमारी मांगो की तरफ ध्यान नहीं दे रही है ।दिपावली तक सरकार ने हमारी मांगो नही मानी तो पुरे जिले से आशा सहयोगिनी संगठन को बुलाकर विधानसभा पर धरना प्रदर्शन किया जायेगा ।अगर विधानसभा पर भी हमारी मांगो नही मानी जाती तो आगे की रणनीति बनाकर दिल्ली कुच किया जायेगा
आशा सहयोगिनी प्रदेश अध्यक्ष
निर्मला सेन चाकसू
