लोकेश कुमार गुप्ता
चाकसू( सच्चा सागर) आशा सहयोगिनी द्वारा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एवं स्वास्थ्य विभाग को एक बार फिर से प्रदेश अध्यक्ष निर्मला सेन के नेतृत्व मे कार्य बहिष्कार का ज्ञापन महिला एवं बाल विकास अधिकारी उपनिदेशक रचना गौतम व स्वास्थ्य विभाग मंत्रालय डायरेक्टर यदुपति सिंह को सौपा ।आशा सहयोगिनी संगठन प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराधा देवी ने बताया की 3 घंटे इंतजार करने के बाद भी महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश हमारे बीच नहीं पहुंची। वहां पर बैठी आशा सहयोगनी में आक्रोश बढ़ने पर इसी बीच महिला एवं बाल विकास अधिकारी उप निदेशक रचना गौतम पहुंची। आशा सहयोगिनी का कहना है कि 45 दिन से अन्य जिले बहिष्कार पर हैं एवं जयपुर जिला 14 दिन से बहिष्कार पर है परंतु सरकार के द्वारा अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया। दोनों ही विभागों द्वारा आशा सहयोगिनी के निर्णय पर कोई गौर नहीं किया जा रहा, दोनों ही विभाग अपना अपना पल्लू झाड़ रहे हैं। महिला एवं बाल विकास का कहना है कि वह आशा सहयोगिनी को 2700रूपये फ्री के दे रहा है, स्वास्थ्य विभाग कहता है कि आशा सहयोगिनी को हर काम का पैसा देता है। सभी आशा सहयोगिनीयो में इस बात को लेकर रोष व्याप्त है । दीपावली तक या तो सरकार उनके लिए गए निर्णय को मान लेती है अन्यथा आने वाले समय में आशा सहयोगिनी का बहिष्कार एक उग्र रूप का आंदोलन धारण करेगा।
आशा सहयोगीनि संगठन के बैनर तले जयपुर जिले सहित अन्य जिलो से दिवाली के बाद आने वाली 20तारीख को अपनी मांगों को लेकर भुख हड़ताल कर उंग आन्दोलन करेगी मुख्यमंत्री , चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ,महिला बाल विकास केद्वारा कार्यवाही नहीं करने पर गुस्साए आशा सहयोगीनियो ने कार्य बहिष्कार कर नाराजगी जताई।जिससे जयपुर जिले सहित अन्य जिले की आशाओ में रोष व्याप्त है। प्रदेश अध्यक्ष निर्मला सेन ने कहा कि अभी तक हमारी मांगो के मुद्दे पर सरकार से कोई ठोस जवाब नहीं मिला है। जयपुर जिले के साथ-साथ अन्य जिले की आशा सहयोगीनियो ने भी उंग आंदोलन व भुख हड़ताल करने की चेतावनी दे दी है।जयपुर जिला अध्यक्ष गुड्डी वर्मा बैनिवाल आशा सहयोगिनी ने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2018 में अपने घोषणा पत्र में आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्मिकों को राज्य कर्मचारी बनाए जाने की घोषणा की थी। ऐसे में आंगनबाड़ी आशा सहयोगिनी को भी स्थाई कर राज्य कर्मचारी बनाया जाए। ऐसे में 1970 से आंगनबाड़ी केंद्रों पर लगे समस्त महिला कार्मिक और आशा सहयोगिनी, जो 2004 से कार्यरत होने के बाद भी 2700 रुपए के मानदेय पर कार्यरत हैं. ऐसे में लंबा समय बीतने के बाद भी महिला कार्मिकों को सरकार स्थाई कर्मचारी नहीं मान रही है। महिला कार्मिकों ने मुख्यमंत्री , महिला बाल विकास विभाग,चिकित्सा मंत्री ,विधायक ,एसडीएम ,तहसीलदार ब्लॉक सीएमएचओ ,सीएचसी, पीएचसी पर के नाम ज्ञापन सौंपकर मानदेय पर लगी महिला कार्मिकों को स्थाई करने की मांग कर चुकी है । लेकिन किसी भी अधिकारी ने आशा सहयोगिनी मांगों को मुख्यमंत्री के सामने नही रखा । राज्य में हजारों की संख्या में मानदेय पर कार्यरत महिला कार्मिकों ने समय-समय पर स्थायीकरण की मांग को लेकर धरने-प्रदर्शन किए हैं। कांग्रेस सरकार द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में वादा करने के बाद भी महिला कार्मिकों को स्थाई नहीं करने पर अब इन महिला कार्मिकों में अब आक्रोश फुटने लगा है।
