शिवराज मीना
अलीगढ़/उनियारा, (सच्चा सागर)। उनियारा उपखण्ड क्षैत्र के गांव उखलाना पंचायत मुख्यालय में 19 अक्टूबर 2020 को व्याख्याता शान्तिलाल मीना, अध्यापक विमल मीना की माताजी व ब्लॉक महिला कांग्रेस अध्यक्ष अनीता मीना की सासू मां स्वर्गीय रूकमनी देवी मीणा पत्नी रामरतन मीना के निधन पर मीणा समाज टोंक की जिला व उनियारा ब्लॉक कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ने उखलाना गांव पहुंचकर शोक प्रकट किया। जहां पर मीणा समाज कमेटी के पदाधिकारियों व ग्रामीणों ने बैठक आयोजित करते हुये शोक संतृप्त परिवार से मृत्यु भोज नहीं करने की आग्रह करते हुए समझाईश की। जिस पर परिवार के सदस्यों ने समाज की बात को मानते हुये अनुकरणीय पहल के साथ मृत्युभोज की कुप्रथा का त्याग करने व नुकता नहीं करने का लिखित कार्यवाही के साथ संकल्प लिया। जिसका सभी समाज बंधुओं एवं क्षेत्रवासियों ने उनकी क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल की भूरी-भूरी प्रशंसा की। साथ ही मृत्यु भोज में खर्च होने वाली राशि को शिक्षा के विकास के लिए 51000/- की राशि गांव के विधालय विकास कोष तथा 51000/- की राशि जिला मीणा समाज छात्रावास & अध्ययन संस्थान जिला टोंक को चैक के माध्यम से भेंट कर क्षेत्र में मृत्यु भोज बन्द करने का सकारात्मक सोच के साथ सराहनीय सन्देश देकर शिक्षा के प्रति एक अनूठी मिशाल कायम की है।इस दौरान मौके पर ही 51000/- की राशि का चैक मीणा समाज टोंक जिलाध्यक्ष रामफूल घांसडी तथा 51000/- का चैक राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय उखलाना के प्रधानाध्यापक शंकरलाल मीना को मीणा समाज कमेटी के जिला व ब्लॉक पदाधिकारियों तथा प्रबुद्ध ग्रामीण नागरिकजनों की मौजूदगी में सौंपा गया। इस दौरान मृतक वृद्धा के शोक संप्तत परिवार के घर पर मीना समाज के पंच पटेलों व मीना समाज जिला व उनियारा ब्लॉक कार्यकारिणी पदाधिकारियों में मीना समाज जिलाध्यक्ष रामफूल घासड़ी, जिला उपाध्यक्ष प्रहलाद मीना देवपुरा, सहसंयोजक भरतलाल मीना, आशाराम मीना, सुखपाल फोजी अरनियामाल, कजोड़ मीना नयागांव टोंक, शंकरलाल मीना पाटोली, श्योप्रसाद सचिव छात्रावास समिति, अमरचन्द अध्यापक सहीदाबाद, उखलाना प्रधानाध्यापक शंकरलाल बिलोता, मीना समाज उनियारा के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष व जिला उपाध्यक्ष हंसराज मीना आसलगाँव, प्रभूलाल मीना तुम्बीपुरा, प्रभूलाल मीना रानीपुरा, शिवराज बारवाल सहादतनगर, उम्मेद मीना, बुद्बिप्रकाश, फूलचन्द मीना, रतनलाल, रामरतन मीना, चौथमल, रामराज मीना, राजेन्द्र, रामकेश, रमेश मीना आदि पंच पटेलों व कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ने विचार विमर्श कर मृतक वृद्धा के परिवारजनों को मृत्युभोज जैसी प्रथा को खत्म करते हुए मृत्युभोज नुकता नहींं करने का संकल्प दिलाया। इस पर मृतक वृद्धा रूकमणी के पुत्र व्याख्याता शान्ति लाल मीना, अध्यापक विमल मीना ने माँँ के निधन पर मृत्युभोज नही करने का फैसला लिया गया। जो कि मृत्यु भोज नहीं करके फिजूलखर्च की कुप्रथा को रोककर शिक्षा के प्रति समाज में सराहनीय व सकारात्मक सन्देश देकर एक मिशाल कायम की है।
----- आमजन फिजूल खर्च को सकारात्मक कार्यों में उपयोग करें ------
आमजन द्वारा कुप्रथाओं एवं समाज बंधुओं के दबाव के आगे इनके नाम पर लाखों रुपए फिजूल खर्च कर देते हैं। जिनका समय निकलने के बाद कोई भी औचित्य नहीं रहता है। इसलिए समाज बंधुओं द्वारा इन कुप्रथाओं पर रोक लगाते हुए कुप्रथाओं में खर्च राशि को सकारात्मक सोच के साथ शिक्षा सहित अन्य सार्थक जगह पर खर्च करने का प्रयास करें। जिनकी स्मृतियां चिर स्मृतियां बनी रहे और फिजूल खर्च से अन्यों का जीवन सार्थक हो सके। इसलिए समाज संगठन एवं प्रबुद्ध वर्ग, शिक्षित वर्ग को आगे आकर सार्थक सहयोग प्रदान करना चाहिए।

