झिलाय के कृषि महाविद्यालय में राष्ट्रीय कृषि शिक्षा दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया

 युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए कृषि शिक्षा जरूरी : जाट


झिलाय के कृषि महाविद्यालय में राष्ट्रीय कृषि शिक्षा दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया



- नीरज राजोरिया

झिलाय (सच्चा सागर) कृषि महाविद्यालय झिलाय में शुक्रवार को कृषि शिक्षा दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमो का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के डीन डॉ. आर. पी. जाट ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि से जोड़ने और भारत में कृषि शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए 3 दिसंबर का दिन कृषि शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। इसका मुख्य मकसद ज्यादा से ज्यादा युवाओं को कृषि की शिक्षा मुहैया करवाना और देश को कृषि क्षेत्र मे समृद्ध बनाना है। हालांकि इन दिनों यह बदलाव तेज़ी से देखा जा सकता है। कई ग्रामीण इलाकों के युवा कृषि की शिक्षा प्राप्त करके इसे रोज़गार का माध्यम बना रहे हैं। विभिन्न फल, फूल, सब्ज़ी की खेती, डेयरी, मछली पालन, मधुमक्खी पालन, सुकर पालन इत्यादि खेती से जुड़े कई ऐसे व्यवसाय हैं, जो युवाओं के बीज प्रचलित हो रहे हैं। कृषि में स्थाई विकास के लिए कृषि शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार को मजबूत बनाया जा रहा है। इसके लिए कई पाठ्यक्रम और कार्यक्रमों को लागू करना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि हमारे देश में कई कृषि विश्वविद्यालय और कॉलेज हैं जिसके द्वारा छात्रों को बहुत अच्छी कृषि शिक्षा प्रदान की जाती है। उन्होंने देश में कृषि की सर्वोच्च संस्था आईसीएआर के साथ एनडीआरआई व श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर सहित अन्य राज्य स्तर पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। कार्यक्रम में महाविद्यालय की छात्रा अदिति शर्मा छात्र राम रतन चौधरी अभिषेक कुमावत ने डॉ राजेंद्र प्रसाद की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए देश में कृषि विकास पर अपने विचार व्यक्त किए। समारोह के विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत्त आयुर्वेदिक चिकित्सक रामराज चौधरी ने अपने अनुभव से छात्रों को बौध करवाया। इस दौरान जागरूकता, स्वच्छता व कृषि के प्रमुख पहलुओं में शष्य  उद्यान, पौधे व्याधि, प्रसार, कृषि अभियांत्रिकी, जैविक खेती शहीद कृषि की आधुनिक तकनीकीयो पर्व विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान दुर्गापुरा (जयपुर) की सह प्राध्यापक डॉ. सीमा शर्मा ने कृषि शिक्षा महत्व को विस्तार पूर्वक बताया। इस दौरान कार्यक्रम का मंच संचालन सहायक प्राध्यापक डॉ श्वेता गुप्ता ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय स्टाफ सहित छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।


कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर)


कृषि शिक्षा को बढ़ाने में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) एक अहम भूमिका निभा रहा है। यह दिवस देश के पहले कृषि मंत्री एवं राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के जन्म दिवस के अवसर पर मनाया जाता है। केंद्र सरकार विश्व बैंक की सहायता और सहयोग से 1 करोड़ रुपये की राशि के साथ राष्ट्रीय कृषि शिक्षा परियोजना की शुरुआत करने लगी है। जिससे हमारे देश के युवाओं को एक नई दिशा मिलेगी।

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