लोकेश कुमार गुप्ता
चाकसू (सच्चा सागर ) राजस्थान में गुर्जर आरक्षण का मुद्दा गर्माया हुआ है। इस बीच भरतपुर जिले के बयाना के अड्डा गांव में गुर्जर महापंचायत को लेकर एफआईआर दर्ज होने पर गुर्जर नेताओं ने सरकार के इस रवैये पर ना सिर्फ कड़ा एतराज़ जताया है बल्कि कोरोनाकाल के दौरान हुए कांग्रेस के कार्यक्रमों का हवाला देते हुए नेताओं पर मुकदमे दर्ज करने की मांग की है। बुधवार को चाकसू उपखण्ड कार्यालय पर इस मांग को लेकर गुर्जर समाज के लोगों ने बाकायदा एसडीएम के मार्फ़त राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। गुर्जर नेताओं ने सरकार को कोरोनाकाल में ही हुए कांग्रेस पार्टी के आयोजनों की याद दिलाई है। कांग्रेस कार्यक्रमों की तस्वीरें साझा करते हुए गुर्जर समाज ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा तक पर एफआईआर दर्ज करनी की पैरवी की है। स्थानीय गुर्जर समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले लालाराम धाकड़, रामसहाय रावत पूर्व जिला पार्षद भूणाराम गुर्जर, युवा नेता प्रहलाद भगत, जयपाल खटाणा बाबूलाल गुर्जर, जगदीश कोली,लक्ष्मण चेची, गोपाल बस्सी, भगवान गुर्जर,महेश गुर्जर, हेमराज डोई, सहित समाज के वक्ताओं ने कहा कि गुर्जरों के खिलाफ़ एकतरफा कार्रवाई की गई है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कहा कि सरकार अपनी पावर का गलत इस्तेमाल कर रही है। "समान अपराध समान दंड" के नियम के तहत सरकार को कांग्रेस नेताओं पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गुर्जर समाज के खिलाफ पुलिस एफआईआर 33 लोगों पर नहीं बल्कि प्रदेश भर के एमबीसी समाज पर हुई है क्योंकि यह महापंचायत समस्त राजस्थान के एमबीसी समाज की बुलाईं गई थी। इन तरीकों से समाज को जितना दबाने की कोशिश की जायेगी उसमें उतना ही उबाल आएगा। कहा है कि गुर्जर नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज कर राज्य सरकार एमबीसी के न्याय और हक की आवाज को दबाना चाहती है। कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना काल में सभी राजनीतिक दलों ने कई बार धरना-प्रदर्शन किये, लेकिन एक भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई।
गुर्जर नेताओं की माने तो भरतपुर जिले के बयाना तहसील के अड्डा गांव में गत दिनों गुर्जर महापंचायत बुलाई गई थी। इसमें समाज ने आन्दोलन को स्थगित करने का तो एलान कर दिया था पर अगले ही दिन पुलिस ने महापंचायत के आयोजन को कोरोनाकाल में बिना अनुमति होने का हवाला देते हुए गुर्जर नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर डाली।
