पतंगबाजी का जुनून ठीक पर मौत के मांझे से बचें बच्चों में पतंगबाजी का क्रेज, बाजार में सजने लगी दुकानें



जयपुर (सच्चा सागर ) मकर संक्रांति और बसंत पंचमी से पहले ही पतंगबाजी के लिए दुकानें सजने लगी हैं। पतंगबाजी के शौकीन पतंग और मजबूत मांझा खरीदने दुकानों पर पहुंच रहे हैं। मगर पतंगबाजी के जुनून में मौत का मांझा बन चुके चाइनीज मांझे से बचना बेहद जरूरी है।क्षेत्र में मकर सक्रांति के पूर्व ही युवाओं और बच्चों में उत्साह दिखाई देने लगा है। आसमान में रंग-बिरंगी पतंगे नजर आने लगी हैं। वहीं मंदिरों व घरों में पर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। सक्रांति के नजदीक आते ही बाजार में पतंग की दुकानें भी सजकर तैयार हैं। इस बार तरह-तरह  रंगीन  पतंग भी बाजार में आई है।

पतंग विक्रेता नरेश सैनी  ने बताया कि पतंग वर्षभर उपलब्ध रहते हैं लेकिन मकर सक्रांति के नजदीक आते धंधे में उठाव शुरू हो गया है। युवाजन व बच्चे अपनी पसंद अनुसार खरीदी कर रहे हैं। पहले जहां रंगों के हिसाब से पतंग का चयन होता था, वहीं अब चर्चित हस्तियों जैसे राजनेताओं, फिल्मी सितारों, फिल्मों के पोस्टर, समाजसेवियों के चित्रों को देखकर भी खरीदी हो रही है। वहीं चांद, दिल, चिड़िया, जलपरी और झालरनुमा पतंगे भी बिक रही हैं। सक्रांति के 1-2 दिन पहले खरीदी ज्यादा रहेगी।

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