लोकेश कुमार गुप्ता
चाकसू (सच्चा सागर) माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का महत्वपूर्ण मिशन शौचमुक्त भारत एवं स्वच्छ भारत मिशन अभियान को करोड़ों की सहायता के बावजूद
सरकारी महकमे एवं जिम्मेदार ही परिणाम लगा रहे हैं। देश को शौचमुक्त बनाने के अभियान के तहत तत्कालीन भाजपा की राज्य सरकार ने केन्द्र की सहायता से मिले करोड़ों रुपये विभिन्न निकायो को भेजकर हर संभव प्रयास किए हैं।
उसी प्रयास के तहत चाकसू नगरपालिका क्षेत्र में आनन-फानन में विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों पर सुलभ शौचालय बना दिए।साथ ही दो दर्जन स्थानों पर शौचालयों एवं मुत्रालय सभी सुविधाओं से युक्त,पानी की टंकी,नल आदि आवश्यक संसाधन लगाए। अधिकारियों ने चाकसू क्षेत्र को खुले में शौचमुक्त
(ओडीएफ)भी घोषित करवा कर वाहवाही लूट ली।
हकीकत इसके विपरित नजर आने लगी है।और अब किए गये दावों की पोल खुलने लगी है। चाकसू के अन्दर, मुख्य मार्गों ,स्थलो एवं काॅलोनियों में बनाए गये मुत्रालय-शौचालय नगरपालिका कर्मचारियों की अनदेखी एवं अधिकारियों की लापरवाही के चलते कबाड़ में तब्दील हो चुके हैं।वर्तमान में इन शौचालयों में न सफाई की व्यवस्था है न पानी की,देखरेख के अभाव के चलते असामाजिक तत्व इनके सामान तक खोल ले गये , दरवाजे एवं अंदर फिटिंग का लगा हुआ सामान तक तोड़-फोड़ गये।ऐसे में इनको उपयोग में लेना दूर इनके आसपास से गुजरना भी मुस्किल होने
लगा है।
खुले स्थान पर निर्मित शौचालय महज शो पीस अथवा कबाड़ बन कर रह गये है।यह नजारा नगरपालिका कार्यालय के नजदीक ही गणगोरी मैदान में देख सकते हैं या फिर गणेशपुरी बगीची के बाहर चम्पेश्वर महादेव मंदिर मार्ग पर,मनोहरा तालाब पर हो या फिर गोलीराव तालाब पर रैगर समाज के घाट के पास या फिर अन्य कालोनियों में बनाए गये सुविधाघरों की बात।सभी कबाड़ में बदल चुके अपनी हालात पर आंसू बहा रहे हैं।कस्बे को गंदगी से मुक्त करने तथा
बाहर शौच जाने वालों के लिए इन सुविधाओं पर लाखों खर्च कर व्यवस्था की गई थी। लेकिन जिम्मेदार लोगों ने सबकुछ चोपट कर दिया। दुःख एवं आश्चर्य की बात यह है कि उपखंड स्तर के बड़े अधिकारियों
एवं विधायक स्तर के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों का इन बर्बाद होती सुविधाओं पर ध्यान नहीं गया।
बनने के बाद न जनता का दबाव बना और न ही कोई इनकी सार-संभाल, साफ-सफाई करने गया।निरीक्षण के अभाव में स्वाभाविक ही है इनकी बरबादी।
नगरपालिका क्षेत्र में आम जनता की सुविधा के लिए
स्वच्छ भारत अभियान के तहत ही लाखों रुपये खर्च करके विभिन्न स्थानों पर बनवाए गये सुलभ
शौचालयों में से अधिकांश के ताले लटक रहे हैं। केवल कोटखावदा चौराहे पर बनाया गया सुलभ शौचालय व्यवस्थित चल रहा है।अन्यथा नीलकंठ महादेव मंदिर ,सहकारी ऑयल मील के पीछे,श्मशांन
घाट के पास,सरकारी गोदामों के मध्य में,मनोहरा तालाब के किनारे, खाॅल के बालाजी की सीमा में हीरालाल के तिबारा मोक्षधाम के पास सहित अन्य स्थानों पर निर्मित सुविधाओं के ताले लग रहे हैं।
आखिर इनका उपयोग क्यो नहीं हो रहा? कैसे इनकी सार संभाल हो,देखरेख हो कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं।
फोटो -चाकसू में बर्बाद होते शौचालय
