चाकसू के आंगनबाड़ी केंद्रों की बदहाली।कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा।

 

लोकेश कुमार गुप्ता




चाकसू (सच्चा सागर ) चाकसू नगरपालिका क्षेत्र में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों के हालात दयनीय है।विभाग अथवा उपखंड स्तर के बड़े अधिकारियों ने कभी भी इनका भौतिक सत्यापन करने का प्रयास नहीं किया।अन्यथा इनके हालात सामने आ जाते।विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से कोविड-19 के दौरान जमकर जनसेवा का काम तो लिया लेकिन कभी भी इनके कार्यस्थली का अवलोकन नहीं किया।हो सकता है विधायक एक बार चाकसू के आंगनबाड़ी केंद्रों का दर्शन कर लेते तो इनकी दशा और दिशा दौनो में सुधार आ सकता था।

वार्ड संख्या 9 के बालकों के लिए संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र वार्ड 10 में स्थित कबीर मंदिर में 

चल रहा है ,हालात इतने भयावह है कि इस भवन की जीर्ण-शीर्ण दीवारें कभी भी धराशाही हो सकती है।दीवारों के पत्थर निकलते रहे हैं,प्लास्टर उखड़ रहा है।जहरीले कीड़ों का हमेशा डर बना रहता है। यहां इस 

असुरक्षित भवन में प्राथमिक पूर्व के नन्हे-मुन्ने बालक पढ़ने एवं पौषाहार लेने आ रहे हैं। अभिभावकों को भी चिन्ता लगी रहती है लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताआशा एवं सहयोगिनी अपने बलबूते व विश्वास पर बालकों को जर्जर भवन में ले ही आती है।यही हालात या तो कहे तो इनसे भी बद्तर हालात 

सरकारी गोदामों के मध्य नव निर्मित आंगनबाड़ी भवन में आरहे बालकों के लिए है।भवन के पिछवाड़े सार्वजनिक शौचालय एवं मुत्रालय दिन भर बदबू मारता रहता है।रही सही कसर सफाई कर्मचारियों ने पूरी कर दी। आसपास का कचरा ला कर ठीक आंगनबाड़ी केन्द्र के सामने डालते हैं।जिसपर आवारा जानवर एवं सुवर -कुत्ते दिनभर मुंह मारते रहते हैं।बालकों को नुक्सान पहुंचाने का हमेशा भय बना रहता है। वातावरण दुषित बना रहता है ,ऐसे गंदगी भरे माहोल में  बालकों को पौष्टिक आहार, प्राथमिक पूर्व  शिक्षा के साथ संस्कार मिलेंगे, ऐसा लगता नहीं।हां यह बालक किसी बीमारी के शिकार अवश्य हो सकते हैं। केन्द्र के सामने बनी चाय के केबिनों पर दिनभर आवारा लोगों का जमघट लगा रहता है।

एलबीएस कालोनी ,सांवरिया बस्ती वार्ड 12 एवं 13 में अवश्य सरकारी स्कूल भवन के कमरों में यह आंगनबाड़ी केन्द्र सुरक्षित चल रहे हे। लेकिन तरस रहे है अपने भवन के लिए। आधे से अधिक केन्द्र किराए के भवनों या कहें तो छोटे छोटे कमरों में जैसे-तैसे चल ही रहे हैं।

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित उपखंड क्षेत्र में लगभग 246 आंगनबाड़ी केन्द्र रिकार्ड के अनुसार संचालित है। नगरपालिका क्षेत्र में 25 , इनकी सार संभाल के लिए सीडीपीओ नीलू सांखला एवं सहयोग के लिए मंजु पाठक सहित अन्य महिला पर्यवेक्षक दिन रात जुटी हुई है।मई 2015 में नन्दघर योजना का विभाग लाभ नहीं ले सका।अन्यथा भामाशाहों के सहयोग,सरकारी विभागों के तालमेल एवं जनप्रतिनिधियों की भागीदारी से यह आंगनबाड़ी केन्द्र अपने पैरों पर खडे हो सकते थे।इसी प्रकार दिसम्बर 2017 में आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्रों का चयन कर उनको मूलभूत सुविधाओं से आत्मनिर्भर बनाने का एक अवसर मिला था। लेकिन विभाग इसका भी लाभ नहीं उठा सकता। उपखंड में पांच केंद्रों को आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र का दर्जा प्राप्त हुआ।इनमें  नांगलपूरण, शिवदासपुरा द्वितीय, चंदलाई प्रथम,विनोदी लालपुरा,एवं कल्याणपुरा का नाम आया। मूलभूत जरूरतें पूरी करने के लिए प्रत्येक को दस-दस हजार रुपये-पैसे की सहायता भी मिली। भामाशाहों, जनप्रतिनिधियों,एनजीओ आदि के सहयोग से केंद्र पर भवन ,पेयजल, रंगाई-पुताई, शौचालय , सुविधाओं,मिनी मेडिकल किट,फिसलन पट्टी ,गुड़िया घर,बच्चों के लिए टी-शर्ट, आफ पेंट आदि की व्यववस्थाए जुटाना था। लेकिन यहां भी विभाग   अवसर का लाभ नहीं उठा सका।योजना एवं उद्धेश्य बेहतरीन है। शुन्य से 6 साल के बालकों के स्वास्थ, पौष्टिक आहार,पूर्व प्राथमिक शिक्षा ,टीकाकरण आदि की सुविधाएं। गर्भवती महिलाओं,धात्री माताओं के साथ किशोरियों के लिए 

मार्ग दर्शन वह सहायता सराहनीय सेवा कार्य है।लेकिन इन केन्द्रों को भौतिक हालात अति दयनीय है।विधायक को लोग विकास पुरुष कहने लगे हैं।लोगों को विशेष कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को वेदप्रकाश सोलंकी से बहुत आशाएं हैं।इन केन्द्रों की दशा एवं दिशा सुधारने का शुभ अवसर है।

फोटो -चाकसू के एक खण्डहर मकान में चलता आंगनबाड़ी केन्द्र

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